प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से स्वामी विवेकानन्द जी की १५६ वीं जयंती के अवसर पर उनको शत शत नमन |
अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
प्रणाम |
"सभी
मरेंगे- साधु या असाधु, धनी या दरिद्र- सभी मरेंगे। चिर काल तक किसी का
शरीर नहीं रहेगा। अतएव उठो, जागो और संपूर्ण रूप से निष्कपट हो जाओ।
भारत में घोर कपट समा गया है। चाहिए चरित्र, चाहिए इस तरह की दृढ़ता और चरित्र का बल, जिससे मनुष्य आजीवन दृढ़व्रत बन सके।"
- स्वामी विवेकानन्द
सादर आपका
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जाड़े की एक सुबह
वादों का भ्रम टूटा
जरा तुम अपना हाथ देना
अलि री सघन पथ ये प्रेम का
गूगल में बेहतर तरीके से सर्च कैसे करें?
युवा होने का मतलब
हाथी की पूंछ में फंसी साईकिल
वक्ष में फोड़ा हुआ
10% आरक्षण .... इसमें संशय कैसा ?
विदा! एक भावुक कथा
महान क्रान्तिकारी सूर्य सेन "मास्टर दा" की ८५ वीं पुण्यतिथि
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
बहुत सुंदर ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति शानदार रचनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार शिवम् जी
जवाब देंहटाएंनमन स्वामी विवेकानन्द जी को उनकी 156वीं जयंंती पर।
जवाब देंहटाएंस्वामी विवेकानन्द जी की 156 वीं जयंती पर उनको शत शत नमन। बहुत सुन्दर ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति।मेरी रचना शामिल करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंस्वामी विवेकानंद जी को नमन। सुन्दर प्रस्तुति। मेरी रचना को बुलेटिन में शामिल करने के लिए दिल से आभार।
जवाब देंहटाएंसार्थक भूमिका
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र संयोजन
सभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर