Pages

रविवार, 18 नवंबर 2018

दोस्तों का प्यार - ब्लॉग बुलेटिन


नमस्कार दोस्तो,
आज एक कविता, स्व-रचित दोस्तों के नाम समर्पित....
+
मुझ पर दोस्तों का प्यार,
यूँ ही उधार रहने दो।
बड़ा हसीन है ये कर्ज़,
मुझे कर्ज़दार रहने दो।

वो आँखें छलकती थीं,
ग़म में ख़ुशी में मेरे लिए।
उन आँखों में सदा,
प्यार बेशुमार रहने दो।

मौसम लाख बदलते रहें,
आएँ भले बसंत-पतझड़।
मेरे यार को जीवन भर,
यूँ ही सदाबहार रहने दो।

महज़ दोस्ती नहीं ये,
बगिया है विश्वास की।
प्यार, स्नेह के फूलों से,
इसे गुलज़ार रहने दो।

वो मस्ती, वो शरारतें,
न तुम भूलो, न हम भूलें।
उम्र बढ़ती है ख़ूब बढ़े,
जवाँ ये किरदार रहने दो।


++++++++++








5 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर कविता बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचना
    लाजवाब बुलेटिन
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति👌

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी लाजवाब रचना का जवाब नहीं ...
    ये बुलेटिन भी जोरदार है ... आभार मेरी ग़ज़ल को शामिल करने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!