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रविवार, 28 अक्टूबर 2018

रुके रुके से कदम ... रुक के बार बार चले

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

सवाल यह है कि ... 





चीटिंयां गुज़रते वक़्त एक दूसरे के पास रुक कर क्या बात करती हैं!?

सादर आपका 

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बकना जरूरी है ‘उलूक’ के लिये पढ़ ना पढ़ बस क्या लिखा है ये मत पूछ

सुशील कुमार जोशी at उलूक टाइम्स

क्या तुम .........


पटाखे

देवेन्द्र पाण्डेय at बेचैन आत्मा

बच्चों को क्या सिखाएँ जिससे बुढ़ापे में वृद्धाश्रम न जाना पड़े


मुरमुरा फ्रीटर्स

shikha varshney at भुक्खड़ घाट

अनकहे दो द्वार .....

निवेदिता श्रीवास्तव at झरोख़ा

शरद का चंद्रमा


संघर्षरत

Rajiv at Viyogikavi

#MeToo अभियान: जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई!!!


आज और कल

Meena Bhardwaj at मंथन

पथ के आकर्षण

purushottam kumar sinha at कविता "जीवन कलश"

जग दुख का आगार है(कुंडलियाँ)

Jayanti Prasad Sharma at मन के वातायन

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

18 टिप्‍पणियां:

  1. आदमी के पास समय नहीं है अब कि चीटिंयों को देखे सुने और समझे। सुन्दर बुलेटिन। आभार शिवम जी 'उलूक' की बकबक को जगह देने के लिये ।

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  2. बहुत आभार। आपके इस प्रयास से महसूस होता है कि ब्लॉगिंग अभी बाकी है मेरे दोस्त!

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  3. सुंदर रचनाओं की शानदार बुलेटिन।
    सादर आभार आदरणीय।

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  4. ब्लॉग बुलेटिन में मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, शिवम जी।

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  5. मेरी मदद करीये आदरणिये जी मेरा ब्लॉग बना हुवा है मगर इस लेख लिखने का ऑबस्न नही दिख रहा है ।।

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  6. बहुत ही सुन्दर संकलन। ह्रदय से आभार प्रोत्साहन के लिए

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  7. बहुत सुन्दर बुलेटिन। मेरी रचना को शामिल करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।

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  8. गले मिलती हैं और कहती हैं - अब ज़्यादा दूर नहीं है!

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  9. बहुत सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति

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  10. इतनी सुन्दर और विविध रचनाओं के बीच जगह देने के लिए धन्यवाद.

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  11. ब्लॉग बुलेटिन में मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार शिवम जी।

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  12. सादर आभार मेरी रचना को "ब्लॉग बुलेटिन" में स्थान देने के लिए । सभी लिंक्स अत्यंत सुन्दर हैं ।

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  13. सबसे पहले तो मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद। गिर कहना यह है कि चीटिंयों की बातचीत मैंने सुनी है और इस पर एक कविता भी लिखी है। लिंक ढूंढ कर देते हैं आपको।

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  14. मैने आपके लिंक को खोला और बात करी तो बताया कि रिया सुंदरियाल नाम का हमारा कोई ब्लॉग नही है

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!