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बुधवार, 10 अक्टूबर 2018

ग़ज़ल सम्राट स्व॰ जगजीत सिंह साहब की ७ वीं पुण्यतिथि

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |


आज १० अक्तूबर है ... आज ग़ज़ल सम्राट स्व॰ जगजीत सिंह साहब की ७ वीं पुण्यतिथि है ... ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह जी किसी परिचय के मोहताज नहीं ... गुलजार साहब उनके बारे मे कुछ यूं बयां करते है ...
 
एक बौछार था वो -

एक बौछार था वो शख्स
बिना बरसे
किसी अब्र की सहमी सी नमी से
जो भिगो देता था

एक बौछार ही था वो
जो कभी धूप की अफ़शां भर के दूर तक
सुनते हुए चेहरों पे छिड़क देता था...
नीम तारीक से हॉल में आँखें चमक उठती थीं

सिर हिलाता था कभी झूम के टहनी की तरह
लगता था झोंका हवा का है
कोई छेड़ गया है..

गुनगुनाता था तो खुलते हुए बादल की तरह
मुस्कुराहट में कई तर्बों की झनकार छुपी थी

गली क़ासिम से चली एक ग़ज़ल की झनाकर था वो
एक अवाज़ की बौछार था वो 



ग़ज़ल सम्राट स्व ॰ जगजीत सिंह साहब को शत शत नमन !
 
सादर आपका 

8 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात शिवम जी
    बेहतरीन बुलेटिन
    नमन जगजीत साहब को
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचनाओं को बुलेटिन का हिस्सा बनाने के लिए बहुत बहुत आभार शिवम् जी

    जवाब देंहटाएं
  3. ग़ज़ल सम्राट स्व ॰ जगजीत सिंह को नमन। सुन्दर बुलेटिन।

    जवाब देंहटाएं
  4. ग़ज़ल सम्राट को सादर नमन। मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत उम्दा ब्लॉक ! ग़ज़ल गायकी के श्रेष्ठ रत्न जगजीत सिंह को सादर नमन.
    मेरी ग़ज़ल को इसमें शामिल करने का स्वागत है। आपका आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. रोचक एवं जानकारी पूर्ण बेहतरीन बुलेटिन...
    मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं

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