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शुक्रवार, 8 जून 2018

सपने हैं ... सपनो का क्या - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

पत्नी: मैं आठ दिनों के लिए मायके जा रही हूँ। मुझे मालूम है कि तुम्हें खाना बनाना नहीं आता और रात का खाना तुम्हें ताजा और गर्म चाहिए। इसीलिए मैंने अपनी सहेली स्वाति को बोल दिया है कि, वो रात में आकर खाना बना दिया करे। अगर रात में उसे देर हो गई तो वो यहीं रह जाएगी और सुबह तुम्हारा चाय, नाश्ता और टिफिन बनाकर ही अपने घर जाएगी।

इसी प्रकार अगर कभी बोरियत महसूस करो तो, सामने बिल्डिंग में रहने वाली स्मिता को फोन करना, वो आ जाएगी गप्पें मारने, मैंने उसे भी बोल दिया है, वैसे तो वो खुद के घर में एक काम नहीं करती, यहाँ आकर तुम्हें कंपनी तो देगी।

मैं नहीं हूँ सोचकर रोज भी पियोगे तो प्रॉब्लम नहीं है, भैया ने तुम्हें जो स्कॉच व्हिस्की की बॉटल दिए थे, वो टीवी के पास ही रखी है। कंपनी देने के लिए पड़ोसी शर्मा जी और भाभी को बुला लेना, वैसे तो वो मियाँ-बीवी रस्ता ही देखते रहते हैं, बुलावे का, लेकिन तुम लिमिट में ही पीना।

ऐसी बीवी हिमालय पर दस साल तपस्या करने के बाद भी नहीं मिलती!

सपने हैं सपनो का क्या?

सादर आपका
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फूफा जी का डांस

Anshu Mali Rastogi at चिकोटी

मुक्त सदा जो मन तनाव से

सुनो...

Rewa tibrewal at प्यार

सफ़ेद मछली

sadhana vaid at Sudhinama

आईने में दरार पड़ चुकी है

व्यथा

Meena Sharma at चिड़िया

दहलीज़ पर कालिदास

छठवांवेद ---------mangopeople

anshumala at mangopeople

दशरथ मांझी की राह चला एक और मांझी

Kavita Rawat at KAVITA RAWAT

डर है तो इंसान है , वर्ना हैवान है ...

डॉ टी एस दराल at अंतर्मंथन

अंतिम विदा

डॉ. अपर्णा त्रिपाठी at palash "पलाश"

सेना और राष्ट्र का गौरव खंडित हुआ कश्मीर में सीज फॉयर से

विकेश कुमार बडोला at हरिहर

Meenakshi Temple , Madurai

Naresh Sehgal at Dreams of Kailash

संविधान ...खतरे में।।

९ वीं बरसी पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि

शिवम् मिश्रा at बुरा भला
 
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 अब आज्ञा दीजिए ... 

जय हिन्द !!!

6 टिप्‍पणियां:

  1. मेरी पोस्ट ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए धन्यवाद |

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  2. बहुत सुन्दर सूत्र आज के बुलेटिन में ! मेरी रचना को आज के बुलेटिन में शामिल करने के किये आपका हृदय से बहुत बहुत धन्य्वादेवं आभार शिवम् जी !

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  3. रोचक भूमिका..सपने तो सपने ही होते हैं..यानि टूटने के लिए ही..पठनीय सूत्रों से सजा बुलेटिन..आभार मुझे भी इसका हिस्सा बनाने के लिए

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  4. मेरी ब्लॉग पोस्ट बुलेटिन में समिल्लित करने हेतु आभार!

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!