नमस्कार
दोस्तो,
पर्यावरण
को बिगाड़ने के बाद अब हर तरफ से पर्यावरण संरक्षण की आवाजें सुनाई देने लगी हैं.
यह हम इंसानों का स्वभाव बन गया है कि पहले किसी भी वस्तु, सामग्री को नष्ट होने
की कगार तक ले जाते हैं फिर अचानक नींद से जागने जैसी स्थिति में आकर उसे बचाने की
पहल शुरू कर देते हैं. हवा, पानी, धरती, वृक्ष, पक्षी, पशु यहाँ तक कि इंसानों के
सम्बन्ध में यही स्थिति देखने को मिल रही है. प्रयास कितने रंग ला रहे हैं, कितने
रंग लायेंगे ये तो भविष्य के गर्भ में है मगर इन प्रयासों के बीच एक प्रयास दिखाई
दिया, जिसने व्यक्तिगत रूप से हमें प्रभावित किया.
Lacoptal टेबलेट बनाने वाली एक कंपनी की तरफ से पेंसिलों का गिफ्ट पैक हमारे घर
आया. आम पेंसिलों की तरह दिखने वाली इन पेंसिलों की एक विशेषता ने प्रभावित किया.
सभी पेंसिलों के अंतिम छोर पर हरे रंग का एक भाग बना हुआ है. इस भाग में किसी न
किसी पौधे के बीज रखे गए हैं. कंपनी द्वारा दिए गए पैकेट पर स्पष्ट रूप से समझाया
गया है कि इन पेंसिलों को उपयोग करने के बाद गमले में या मिट्टी में तिरछा लगा कर
उनको कुछ दिन पानी दिया जाये. दो-चार दिन में हरा भाग गल जायेगा और उसमें रखे बीज
मिट्टी, पानी आदि का साथ लेकर अंकुरित हो जायेंगे जो पौधे का रूप धारण करेंगे.
कई-कई पौधों के बीज अलग-अलग पेंसिलों में रखे गए हैं. सूरजमुखी और टमाटर के बीज
वाली पेन्सिल आपके सामने है.
निश्चित
ही यह छोटा प्रयास है मगर इसके कई आयाम निकल रहे हैं. इससे बच्चों को पौधारोपण
करने की प्रेरणा मिलेगी. उनमें अपने पर्यावरण के प्रति सकारात्मकता विकसित होगी.
पेन्सिल से पौधों का निकलना देख बच्चों में ख़ुशी का संचार होगा और वे अपनी
सक्रियता को सार्थक दिशा में ले जा सकेंगे. ऐसे छोटे-छोटे प्रयास हम सभी को करने
चाहिए.
चलिए,
इस प्रयास को साधुवाद देते हुए आज की बुलेटिन आपके समक्ष प्रेषित कर रहे हैं, आनंद
लीजिये.
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सुन्दर बुलेटिन। पेंसिल और बीज नया काँसेप्ट पसन्द आया।
जवाब देंहटाएंसुन्दर बुलेटिन, मेरी रचना "मासूमियत" को स्थान देने हेतु बहूत - बहूत आभार|
जवाब देंहटाएंhttps://meremankee.blogspot.in/2018/04/cuteness.html
बहुत बहुत आभार ...बहुत सुन्दर बुलेटिन।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंआदरणीय सेंगरजी बहुत धन्यवाद बुलेटिन में सम्मिलित करने के लिए.
क्षमा करें, आज ही सन्देश देखा.
बुलेटिन बहुत अच्छा लगा.
ये बीज वाली पेंसिल लाजवाब है.
एक नई क्रांति का आग़ाज़ है.