नमस्कार
साथियो,
पर्यावरण
के प्रति गैर-संवेदनशीलता दिखाने के खामियाजे जब समाज में परिलक्षित होने लगे तो
चारों तरफ से इसके संरक्षण की आवाजें उठने लगीं. इसी क्रम में आज, 22 अप्रैल को सम्पूर्ण दुनिया पृथ्वी दिवस
मनाने में लगी है. यह एक वार्षिक आयोजन है, जिसे पर्यावरण संरक्षण,
पृथ्वी को बचाने रखने के लिए काम करने और जागरूकता फैलाने के प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को आयोजित किया जाता है. पृथ्वी
पर रहने वाले तमाम जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को बचाने के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति
जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से पृथ्वी दिवस मना ये जाने का प्रस्ताव रखा गया. इस
दिवस की स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण
शिक्षा के रूप की थी. वर्तमान में इस दिवस को 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया
जाता है. 22 अप्रैल 1970 में वाशिंगटन
में एक सम्मलेन में अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने पर्यावरण पर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन
किया. इस दौरान अनेकानेक कार्यक्रम आयोजित किये गये और लोग पर्यावरण-सुरक्षा के समर्थन
में सड़कों पर निकल आए. लगभग बीस लाख अमेरिकी नागरिकों ने स्वस्थ और स्थायी पर्यावरण
के लक्ष्य के साथ भाग लिया. बड़े पैमाने पर रैली का आयोजन किया गया.
प्रतिवर्ष
मनाये जाने वाले विश्व पृथ्वी दिवस को किसी न किसी थीम पर आधारित किया जाता है. इस
साल यानी 2018 में पृथ्वी दिवस की थीम प्लास्टिक प्रदूषण की समाप्ति
को बनाया गया है. इसके अनुसार पृथ्वी दिवस 2018 मूल रूप से प्लास्टिक को लेकर मानवीय
रवैया और व्यवहार को बदलने के लिए आवश्यक जानकारी और प्रेरणा प्रदान करने के लिए समर्पित
है. लोगों को प्लास्टिक की खपत पर कटौती करने के लिए प्रोत्साहित करना है. देखने
में आ रहा है कि प्लास्टिक धरती के अन्दर जाकर अब भूमिगत जल में मिलने लगी है. इसके
तथ्य भी मिले हैं कि प्लास्टिक कणों की उपस्थिति पेयजल में होने लगी है. यह भविष्य
के लिए घातक संकेत है. यदि इसका निदान शीघ्र न खोजा गया तो आने वाली पीढ़ी पेयजल के
साथ प्लास्टिक कणों को पीने को विवश होगी.
पर्यावरण-संरक्षण
के प्रति होने वाले तमाम सारे आयोजनों के बाद भी इससे इंकार नहीं किया जा सकता है अभी
भी देश और दुनिया में इस तरफ जागरूकता की कमी है. सामाजिक, राजनैतिक स्तर से इस दिशा
में कोई ठोस कदम उठाए जाते नहीं दिखते हैं. कतिपय पर्यावरण-प्रेमी अपने स्तर पर कार्य
कर रहे हैं किंतु यह किसी एक व्यक्ति, संस्था तक सीमित नहीं होना
चाहिए. सम्पूर्ण समाज को पर्यावरण-संरक्षण के प्रति सजग होना पड़ेगा तभी बात बनेगी.
पृथ्वी के पर्यावरण को, पृथ्वी को बचाने के लिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते तो इतना
तो कर ही सकते हैं कि पॉलिथीन के उपयोग को नकारें. रिसाइकल प्रक्रिया को प्रोत्साहित
करें क्योंकि जितनी ज्यादा सामग्री रिसाइकल होगी, पृथ्वी का
कचरा उतना ही कम होगा.
आइये
हम सभी इस ओर सजगता के साथ कदम बढ़ाते हुए आज की बुलेटिन की तरफ चलें.
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सुन्दर अर्थ डे बुलेटिन।
जवाब देंहटाएंआभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन. प्लास्टिक किसी श्राप की तरह है धरती के लिए और इसलिए मनुष्यों के लिए भी.
जवाब देंहटाएं"अजब तोरी दुनिया' को शामिल करने का धन्यवाद और आभार.
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
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