अमृत को पीने से पूर्व
विष पर अनुसन्धान करें
गहरे पैठ अपने देवत्व के साथ
अपने अंदर के दानवी छोटे छोटे पौधों को समझें ...
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन बुलेटिन....
जवाब देंहटाएंसादर
अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंThank you...
जवाब देंहटाएंसही कहा है आपने..समुद्र मंथन में पहले पहल विष ही निकलता है..जिसे पीकर कोई नीलकंठ बन जाता है..बहुत बहुत आभार रश्मिप्रभा जी !
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