Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

2499466

रविवार, 4 फ़रवरी 2018

वो जब याद आए, बहुत याद आए - 2




बेहतरीन कलम, बेहतरीन एहसास,  ... भूलना इतना आसान नहीं !
फेसबुक के भूलभुलैये में सभी ब्लॉग कौंधते हैं, पुकारते हैं, गाते हैं -
चलो एक बार फिर से  .... ब्लॉगर्स बन जाएँ हम सब 

8 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत आभार

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

जाने कहाँ गए वो दिन!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

जाने कहाँ गए वो दिन!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

आनन्द दायक श्रम।

इन्दु पुरी ने कहा…

इसकी महक सदा बनी रहेगी। इस ब्लॉग ने कुछ बहुत प्यार दोस्त दिए कुछ बहुत खूबसूरत रिश्ते भी। ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर इतने सच्चे,अच्छे और आत्मीय अपने नही मिले। प्रारम्भिक दौर में ही मिली एक प्यारी इंसान आप खुद हो मिनि!

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

हमारी टिप्पणी कहीं खो गयी है, ढूंढकर लाएं।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

रश्मि जी,

सुंदर संकलन।

कविता रावत ने कहा…

लाख दुनिया में भटके इंसान लेकिन एक दिन उसे अपने घर की यादें खींच ही लाती हैं............
बहुत सुन्दर संकलन

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार