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गुरुवार, 9 नवंबर 2017

जोकर

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज का ज्ञान :-

एक जोकर को उसके दर्शक सिर्फ एक जोकर के रूप में देखते है ... पर वो खुद को हमेशा एक कलाकार के रूप में देखता है |

सबक :- भले ही लोग आपके बारे में जो भी सोचे ... फर्क इस से पड़ता है कि आप अपने बारे में क्या सोचते है !

सादर आपका

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रथ और सेनासहित भरत की यात्रा

प्रबल और वरिष्ठ समाजसेवियों का चुनाव

अँधेरा का निर्जन द्वीप

दो भाइयों का निर्मल और निस्वार्थ प्रेम

तुम मेरे हो..............

सुबह .... हमेशा एक सी नहीं होती

"यहाँ हमारा सिक्का खोटा"

चुपचाप

उस्ताद शाहिद परवेज जी "सांस्कृतिक सफ़र मानोशी के साथ में"

पुस्तक-चर्चा: बादलों में बारूद

दस ग्राम हींग सफेद रही, करोड़ों रुपये काले हो गए

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

5 टिप्‍पणियां:

  1. सबकी अपनी-अपनी भूमिका होती है
    बहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति

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  2. जोकर वही है जो कर गया, यानि जो दूसरे नहीं कर सके उसने कर दिखाया, स्वयं को हंसी का पात्र बनाना आसान नहीं होता..पठनीय सूत्रों से सजा बुलेटिन, बहुत बहुत आभार !

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  3. बहुत बढ़ि‍या बुलेटि‍न। मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए आभार।

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!