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रविवार, 20 अगस्त 2017

गुरुदेव ऊप्स गुरुदानव - ब्लॉग बुलेटिन विशेष

हर साल सिच्छक दिबस पर हमलोग अपना प्रिय सिच्छक को इयाद करते हैं अऊर उनको नमन करते हैं. ओइसहीं जब कभी आपके सामने अपना पहिला इस्कूल का नाम आता है, त आप उस समय के इयाद में खो जाते हैं अऊर बहुत सा लोग के मुँह से त अनायास निकल जाता होगा कि कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन! लेकिन एगो अदमी अइसा भी है, जिसके मन में अपना एगो सिच्छक के लिये कोई भी श्रद्धा नहीं है अऊर उसके लिये सिच्छक दिबस का कोई मतलब नहीं. ओइसहीं इस्कूल का मतलब उसके लिये कुछ भी इयाद करने जैसा नहीं. हाँ, ऊ अपने बेटा का सिच्छक अऊर बेटा का इस्कूल को लेकर बहुत इमोसनल हो जाता है, लेकिन अपना तो सपना में भी नहीं.

एगो औरत जो अपना पाँच बच्चा लोग को बहुत मिहनत से पढाती है, ताकि उसके कम पढ़े-लिखे होने का उलाहना कोई भी उसके बच्चों को नहीं दे सके. हर महीना, बच्चा लोग के इस्कूल में फीस जमा करने जाती है, इसलिए नहीं कि बच्चा सब फीस के पैसा से सिनेमा देख जाएगा, बल्कि इसलिए कि इस्कूल के टीचर से मिलकर बच्चा लोग का सही प्रोग्रेस पता चलता रहेगा अऊर बच्चा लोग के मन में माँ का डर भी बना रहेगा. ओही औरत एक रोज साम को जब बच्चा रोता हुआ लौटा तो पागल हो गई. कारण पूछी त बच्चा अपना कमीज उतारकर देखा दिया. पीठ पर बेल्ट से मारे जाने का निसान था.

ऊ औरत बच्चा को लेकर इस्कूल गई अऊर हेडमास्टर से सिकायत करते हुए पुलिस में सिकायत करने का धमकी दी. टीचर को बुलाया गया, ऊ सबके सामने माफी माँगा. लेकिन ऊ बच्चा के मन में सिच्छक अऊर इस्कूल के प्रति मंदिर अऊर भगवान वाला भ्रम टूट गया. आपको ई बात हो सकता है कहानी जइसा लगे, बाकी घटना सोलहो आने सच है. ऊ बच्चा है हमारा छोटा भाई, जिसके मन से सिच्छक-छात्र चाहे गुरु-सिस्य वाला रिस्ता का मतलबे खतम हो गया.


कल अचानक व्हाट्स-ऐप्प पर एगो वीडियो दिन भर में तीन चार बार अलग –अलग जगह से मिला. रात को फुर्सत से देखने का मौक़ा मिला. वीडियो में एगो चार-पाँच साल का बच्ची को उसकी टीचर पढ़ा रही है एक से पाँच तक का गिनती. लेकिन ऊ बच्ची का दहसत देखकर लगता है कि एकदम खौफ के साया में ऊ पढाई कर रही है. टीचर का डांटना अऊर बच्ची का भयानक तरीका से डर के मारे आया हुआ पढाई भी भुला जाना, देखकर मन ख़राब हो जाता है. बीच-बीच में ऊ बच्ची अपना दाँत भी पीसते जाती है, लेकिन कुल मिलाकर ऊ वीडियो अइसा खराब असर पैदा कर रहा है कि का कहें.

सिच्छक के बारे में का मालूम केतना अच्छा-अच्छा बात कहा गया है, जिसका काम होता है कुम्हार के तरह अंदर से हाथ लगाकर सहारा देना अऊर बाहर से थपकी देकर बच्चे का कच्चा मिट्टी से खूबसूरत कलात्मक बर्तन तैयार करना. अइसा परिस्थिति में ऊ टीचर को का कहा जाए जिसके बारे में हम पहले लिखे हैं. अइसा सिच्छक को जल्लाद अऊर इस्कूल को कत्लखाना कहने से तनिको परहेज नहीं होना चाहिए.

देस का भविष्य एही बच्चा लोग के हाथ में है, जिनका निर्माण एही सिच्छक लोग करते हैं, लेकिन अइसा टीचर जब पढ़ाएगी अऊर पढाई के नाम पर ऐसा भयानक माहौल बच्चा के मन मस्तिस्क पर बनेगा त भविष्य का चिंता करने का जरूरत नहीं है, ऊ त डरावना होबे करेगा.

गीता में किसन भगवान अर्जुन को जब सिच्छा दे रहे होते हैं त उनका उद्देस खाली अर्जुन को जुद्ध के लिये तैयार करना नहीं था, ऊ त अर्जुन को आदेस देकर भी समझाया जा सकता था, लेकिन भगवान किसन महाराज का कोसिस था कि अर्जुन का ज्ञान चक्छू खोलकर उसको अपना स्तर तक लेकर आना अऊर एही हर टीचर का उद्देस होना चाहिए.

एगो राजा के राज्य में एगो मिस्त्री था जो तलवार आदि औजार बनाता था. मिस्त्री का एक भरोसेमंद चेला था. मिस्त्री जब बूढ़ा हो गया त उसको अपना उत्तराधिकारी का चिंता नहीं था, ऊ सिस्य को तैयार कर दिया था. एक दिन ऊ मिस्त्री एगो तलवार ढाल रहा था. गरम पिघला हुआ लोहा भट्ठी से निकालकर रखा अऊर अपने सिस्य को बोला कि बेटा, जैसे ही हम सिर हिलाएँ, कसकर पूरे जोर से हथौड़े को जमकर मारना. मिस्त्री ने गर्म लोहे को ठीक से रखा और सिर हिलाया. सिस्य ने जमकर हथौड़ा मिस्त्री के सिर पर दे मारा. आज ऊ सिस्य राज्य का मुख्य मिस्त्री है.

12 टिप्‍पणियां:

  1. कभी कभी आते हैं सलिल जी
    जब भी आते हैं लाजवाब लाते हैं।

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  2. वाह...
    शुभ संध्या सलिल भैय्या
    आभार...
    सादर

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  3. बहुत ही बढ़िया शिक्षा,मन बहुत दुखी हो गया था कल सच में ... नानी की बेटी को शामिल करने का आभार

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  4. एकदम सच कहा दादा....बहुत दुखद था वो विडियो को देखना और ऐसा अपने आस पास होते देखना भी....
    सादर...

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  5. वाह सलिल,सही दिशा मे ले जा रहा हैंृ सारा विश्लेषण तर्क पता नहीं क्यों बच्चों पर इतनी गुरुता-गंभीरता लादने में किसी को क्या मज़ा आता है .

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  6. नमस्कार सलिल जी ! यह वीडियो परसों से कई माध्यम से बार बार सामने आ रहा है ! विराट कोहली ने भी इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर अपना दुःख प्रकट किया है ! सच में ऐसे शिक्षकों के प्रति सम्मान, आदर और श्रद्धा जैसे भाव कभी मन में जन्म लेंगे यह सोचना ही कल्पनातीत है ! टीचर सैडिस्ट लगती है ! बच्ची को यूँ प्रताड़ित कर उसीने यह वीडियों भी शूट किया है ! अत्यंत निंदनीय कृत्य है !

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  7. अवाक....अपनी कौम पर शर्मिंदा भी!

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  8. आज पहले जैसे गुरु कहाँ रहे, फिर भी बहुत से शिक्षक आज भी ईमानदार हैं
    बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति

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  9. इस मुद्दे को यहाँ उठाने के लिए आप का शुक्रिया सलिल दादा|
    प्रणाम |

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  10. एक मित्र ने सूचित किया कि वास्तव में वीडियो में पृष्ठभूमि में जो स्त्री है वह शिक्षिका नहीं, उस बच्ची की जननी है! किन्तु यहाँ वह एक शिक्षिका की भूमिका निभा रही है, अतः गुरु-शिष्य के संबंधों पर मेरे विचार उचित है! मेरे कई मित्र शिक्षक हैं और सम्मानित शिक्षक हैं, अतः उन्हें स्मरण कर इस घटना को अपवाद मानता हूँ तथा समस्त शिक्षक समाज के समक्ष नतग्रीव हूँ! आपने इस बुलेटिन को सराहा, हमारा प्रयास सफल रहा! आभार आपका!

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  11. एक मित्र ने सूचित किया कि वास्तव में वीडियो में पृष्ठभूमि में जो स्त्री है वह शिक्षिका नहीं, उस बच्ची की जननी है! किन्तु यहाँ वह एक शिक्षिका की भूमिका निभा रही है, अतः गुरु-शिष्य के संबंधों पर मेरे विचार उचित है! मेरे कई मित्र शिक्षक हैं और सम्मानित शिक्षक हैं, अतः उन्हें स्मरण कर इस घटना को अपवाद मानता हूँ तथा समस्त शिक्षक समाज के समक्ष नतग्रीव हूँ! आपने इस बुलेटिन को सराहा, हमारा प्रयास सफल रहा! आभार आपका!

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