सभी मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के.पी.एस.गिल का शुक्रवार (26 मई) को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. गिल किडनी की अत्यंत गंभीर बीमारी के साथ-साथ दिल की बीमारियों से ग्रसित थे. दो बार पंजाब के डीजीपी रहे गिल ने प्रदेश में उग्रवाद को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई थी.
सर गंगाराम अस्पताल ने एक बयान में कहा, "उनके पेरिटोनियम में संक्रमण था, जो धीरे-धीरे ठीक हो रहा था. अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई." अस्पताल के मुताबिक, उनका निधन अपराह्न 2.55 बजे हुआ. उन्हें 18 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
गिल सन् 1988-1990 तथा दूसरी बार 1991-1995 के बीच पंजाब के डीजीपी रहे. वह सन् 1995 में सेवानिवृत्त हो गए थे. गिल इंस्टिट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट तथा इंडियन हॉकी फेडरेशन (आईएचएफ) के अध्यक्ष भी रहे. नागरिक सेवा कार्यों के लिए उन्हें सन् 1989 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
पंजाब में खालिस्तानी आतंक की कमर तोड़ी
केपीएस गिल को पंजाब में चरमपंथ को खत्म करने का श्रेय मिला वहीं मानवाधिकार संगठनों ने पुलिस के तौर-तरीकों पर गंभीर सवाल भी उठाए थे और फर्जी मुठभेड़ों के अनेक मामले न्यायालय में भी पहुंचे थे.केपीएस गिल पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन से सख़्ती से निपटे थे. मई, 1988 में उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन ब्लैक थंडर की कमान संभाली थी. यह ऑपरेशन काफी कामयाब रहा था. बाद में वो इंडियन डॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष भी बने. केपीएस गिल का पूरा नाम कुंवर पाल सिंह गिल था. वो दो बार पंजाब के डीजीपी रहें. वो साल 1995 में पुलिस सेवा से सेवानिवृत हुए. उन्हें 1989 में पदम श्री का अवार्ड मिला था.
पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के.पी.एस.गिल का शुक्रवार (26 मई) को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 82 वर्ष के थे. गिल किडनी की अत्यंत गंभीर बीमारी के साथ-साथ दिल की बीमारियों से ग्रसित थे. दो बार पंजाब के डीजीपी रहे गिल ने प्रदेश में उग्रवाद को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई थी.
सर गंगाराम अस्पताल ने एक बयान में कहा, "उनके पेरिटोनियम में संक्रमण था, जो धीरे-धीरे ठीक हो रहा था. अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई." अस्पताल के मुताबिक, उनका निधन अपराह्न 2.55 बजे हुआ. उन्हें 18 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
गिल सन् 1988-1990 तथा दूसरी बार 1991-1995 के बीच पंजाब के डीजीपी रहे. वह सन् 1995 में सेवानिवृत्त हो गए थे. गिल इंस्टिट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट तथा इंडियन हॉकी फेडरेशन (आईएचएफ) के अध्यक्ष भी रहे. नागरिक सेवा कार्यों के लिए उन्हें सन् 1989 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
पंजाब में खालिस्तानी आतंक की कमर तोड़ी
केपीएस गिल को पंजाब में चरमपंथ को खत्म करने का श्रेय मिला वहीं मानवाधिकार संगठनों ने पुलिस के तौर-तरीकों पर गंभीर सवाल भी उठाए थे और फर्जी मुठभेड़ों के अनेक मामले न्यायालय में भी पहुंचे थे.केपीएस गिल पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन से सख़्ती से निपटे थे. मई, 1988 में उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन ब्लैक थंडर की कमान संभाली थी. यह ऑपरेशन काफी कामयाब रहा था. बाद में वो इंडियन डॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष भी बने. केपीएस गिल का पूरा नाम कुंवर पाल सिंह गिल था. वो दो बार पंजाब के डीजीपी रहें. वो साल 1995 में पुलिस सेवा से सेवानिवृत हुए. उन्हें 1989 में पदम श्री का अवार्ड मिला था.
(साभार : zeenews.india.com)
आज सुपरकॉप केपीएस गिल जी के आकस्मिक निधन पर हम सब शोक व्यक्त करते हैं तथा उनके साहसिक योगदान को स्मरण करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर...अभिनन्दन।।
शुभ प्रभात.....
जवाब देंहटाएंगिल साहब को अश्रुपूरित श्रद्धा सुमन
एक अच्छी बुलेटिन
सादर
श्रद्धांजलि सुपरकॉप केपीएस गिल को। आभार हर्षवर्धन बुलेटिन में 'उलूक' उवाच को भी जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंपंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के.पी.एस.गिल को भावभीनी श्रद्धांजलि ! सुंदर सूत्रों से सजा बुलेटिन..आभार !
जवाब देंहटाएंगिल साहब को भावपूर्ण श्रद्धांजलि ।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण बुलिटन
के॰पी॰एस॰ गिल जी को श्रद्धांजलि। बहुत बढ़िया बुलेटिन। मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंगिल साहब को भावपूर्ण श्रद्धांजली।
जवाब देंहटाएंएक अच्छी बुलेटिन।
वाह! आपका बुलेटिन तो बढ़िया चल रहा है.
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