Pages

बुधवार, 24 मई 2017

मेरी रूहानी यात्रा और ललितमोहन त्रिवेदी



ललितमोहन त्रिवेदी

लेखन के बीज तो कच्ची उम्र में ही पड़ गए थे! द्वंद इतना कि पढ़ा विज्ञान ( M.Sc. Physics ) और मन रमा साहित्य में ! रामलीला के काव्यमय संवादों से शुरू हुई यात्रा कालेज तक आते आते मंच की ओर मुड गई !मंच से गहरा लगाव रहा सो गीतनाट्य लिखे, कम्पोज किए और सफलतापूर्वक मंचित भी किए !छंदबद्ध लेखन से जुडाव रहा सो गीत ,ग़ज़ल कविता सभी विधाओं में लिखा साथ ही आलेख और ललित निवंध भी लिखे ! आज लगभग सभी रचनाएं प्रकाशित एवं प्रसारित हैं , परन्तु अपने घोर आलसी और टालमटोल स्वभावके कारण लेखन की मात्रा अल्प ही रही और रही गुणवत्ता ? सो सुधी पाठक जानें क्योंकि मेरा ऐसा परम विश्वाश है कि पाठक ही लेखक का अन्तिम सत्य होता है !और अंततः ...... मेरा सबकुछ है .कुछ ना होने में ! तुम मुझे पड़ा रहने दो कोने में !!

संभव है क्या कि रहने दें एक कोने में ? ... शायद रहने देते यदि आप कुछ लिखते रहते, पर 

अनुरक्ति को देखकर ऐसा नहीं कर सकते !

आपको ही याद दिला रहे आपकी ग़ज़ल  =

ढोते ढोते उजले चेहरे .....( ग़ज़ल )
ग़ज़ल ..........( भूली बिसरी .....)


ढोते ढोते उजले चेहरे, हमने काटी बहुत उमर !
अब तो एक गुनाह करेंगे ,पछता लेंगे जीवन भर !!

वो रेशम से पश्मों वाला, था तो सचमुच जादूगर !
मोर पंख से काट ले गया , वो मेरे लोहे के पर !!

उसको अगर देखना हो तो , आंखों से कुछ दूर रखो !
कुछ भी नहीं दिखाई देगा , आंखों में पड़ गया अगर !!

प्यास तुम्हारी तो पोखर के , पानी से ही बुझ जाती !
किसने कहा तुम्हें चलने को ,ये पनघट की कठिन डगर !!

ज्ञान कमाया जो रट रट कर , पुण्य कमाए जो डरकर !
उसकी एक हँसी के आगे ,वे सबके सब न्यौछावर !!

सिर्फ़ बहाने खोज रहा है , पर्वत से टकराने के !
बादल भरा हुआ बैठा है , हो जाने को झर झर झर !!

और भटकने दो मरुथल में , और चटखने दो तालू !
गहरी तृप्ति तभी तो होगी , गहरी होगी प्यास अगर !!

3 टिप्‍पणियां:

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!