नमस्कार साथियो,
आज महाशिवरात्रि का
पावन पर्व है. भगवान शिव की अतिप्रिय रात्रि को शिवरात्रि कहा जाता है. शिवरात्रि अथवा
महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. वैसे तो हिन्दी माह के कृष्ण पक्ष
की चतुर्दशी शिवरात्रि कही जाती है किन्तु फाल्गुन की चतुर्दशी सबसे महत्त्वपूर्ण मानी
जाती है और महाशिवरात्रि कहलाती है. गरुड़पुराण, स्कन्दपुराण,
पद्मपुराण, अग्निपुराण आदि में इसका वर्णन भी है.
महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक का बड़ा महत्त्व है और माना जाता है कि इस दिन रुद्राभिषेक
करने से सभी रोग और दोष समाप्त हो जाते हैं. शिवरात्रि का शिवतत्त्व से घनिष्ठ संबंध
है. शिव पुराण के ईशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि
में आदिदेव भगवान शिव करोडों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए-
फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्यामादिदेवो
महानिशि।
शिवलिंगतयोद्भूत:
कोटिसूर्यसमप्रभ:॥
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार
इस तिथि में चन्द्रमा सूर्य के समीप होता है. इसी समय जीवनरूपी चन्द्रमा का शिवरूपी
सूर्य के साथ मिलन होता है. इस चतुर्दशी को शिवपूजा करने से जीव को अभीष्ट फल की प्राप्ति
होती है. महाशिवरात्रि का पर्व परमात्मा शिव के दिव्य अवतरण का मंगल सूचक पर्व है.
आप सभी को इस पावन
पर्व की मंगलकामनाओं सहित आज की बुलेटिन प्रस्तुत है.
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शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंआदिदेव भगवान शिव की असीम कृपा बरसते रहे हम सब पर
अच्छी रचनाएं पढ़वाई आपने आज....
आभार
सादर
महाशिवरात्रि की मंगलकामनाएं । सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की मंगलकामनाएँ... आभार सहित...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक मंगलकामनाएं ।