"मैं बुद्ध"
रचना - रश्मि प्रभा
स्वर - सलिल वर्मा, अर्चना चाओ जी
धुन संयोजन - पद्म सिंह
चित्र संयोजन - अपराजिता कल्याणी
"मैं कर्ण"
रचना - रश्मि प्रभा
स्वर - मेजर मृगांक नंदन
धुन एवम चित्र संयोजन - अपराजिता कल्याणी
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!
वाह बहुत सुन्दर जुगलबन्दी ।
जवाब देंहटाएंएक नए रूप में अवलोकन ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर युगल प्रस्तुति ...
जब दीदी ने यह रचना मुझे प्रेषित की और आदेश दिया कि इसे स्वर दूँ, तो पहले पहल व्यस्त रहने के कारण विलम्ब हुआ! दीदी ने रिमाइंडर भेजा तो अपनी कम सुविधाओं की लाचारी के कारण अर्चना को शामिल किया! इंदौर से अर्चना और भावनगर से मैं... फिर जुड़े नोयडा से पद्म सिंह, जिनके साथ हमारा ऐसे प्रयोग में पुराना सम्बन्ध रहा है। इन सब को मिलाकर जो असर पैदा हुआ वो सचमुच चमत्कृत करता है!!
जवाब देंहटाएंप्रणाम दीदी यह अवसर प्रदान करने के लिए!!
और "मैं कर्ण" में मेजर साब की आवाज़ परभावित करती है, दिल में उतर जाती है!!