छठ का परब अऊर दिल्ली के हवा में घुला हुआ
जहर जइसा धुँआ... ऊ त मेहरबानी है कि ई धुँआ देवाली के टाइम से चालू है, नहीं त दिल्ली के जेतना
बिहारी लोग है, ऊ लोग का सामत आ जाता कि छठ में आतिसबाजी करके सब दिल्ली का हवा को जहरीला
बना दिया है.
बीच का चार साल निकाल दिया जाए तइयो काफी टाइम
हो गया हमको दिल्ली में रहते हुये... एहाँ का गरमी अऊर सर्दी दुनो बर्दास से बाहर होता
है. कुहासा के कारन इस्कूल बंद होना, गाड़ी अऊर हवाई जहाज देरी से चलना, एक्स्प्रेस वे पर दुर्घटना होना, ई सब त लगभग हर साल का नियम है, ऊ भी दिसम्बर-जनवरी के महीना में. मगर अबकी साल जो रूप देखाई दिया है
हवा का ऊ बहुत बिकराल है.
हमरा ऑफिस जऊन इलाका में है, ओहाँ बहुत हरियाली है...
घना घना पेड़, खुला जगह… मुख्य रास्ता के बावजूद भी बहुत ट्रैफिक नहीं रहता है. हमारा ऑफिस का
परिसर में भी बहुत घना घना पेड़ है, जिसके छाया में लगभग हर रोज हम दोपहर के खाने के बाद दस-पंदरह मिनट बिताते
हैं. बहुत सांति और सीतलता मिलता है. दस साल पहिले जब ई ऑफिस में थे, तब से ई आदत बना हुआ
है. एगो अऊर कारन भी है एहाँ बइठने का. हमरे ऑफिस में कोनो मोबाइल का सिग्नल सही नहीं
आता है. इसलिये जब बाहर निकलकर बइठते हैं त दिन भर का मिस्ड कॉल देखकर, जरूरी फोन कर लेते हैं.
कल अजीब सा घुटन महसूस हुआ. साँस लेने में
दिक्कत होने लगा, आँख में जलन अऊर पानी निकलने लगा. बेचैनी अइसा कि तुरत अंदर चले गये.
साम को जब घर के लिये निकले, त लगा कि पूरा ऑफिस में अऊर बिल्डिंग के गलियारा में धुँआ-धुँआ भरा हुआ
है... अऊर धुँआ भी अइसा-वइसा नहीं लकड़ी जलने पर जइसा धुँआ निकलता है वइसा.
अब दोस किसको दिया जाए. आम आदमी के लिये त
सब जानकारी का एकमात्र साधन है टीवी. त भाई लोग, टीवी में एगो चैनेल बताया कि हरियाना में कटा हुआ फसल का सूखा हुआ हिस्सा
जला देने के कारन हुआ है. दोसरा चैनेल बताया कि देवाली में पटाखा जलाने के कारन हुआ
है. बहस सुरू हो गया कि हरियाना में फसल जलाया गया है त ओहाँ का परदूसन दिल्ली से कम
काहे है. ई जरूर काँगी, आपिया या वामियों का चाल होगा, काहे कि ओहाँ त बीजेपी का सरकार है, इसलिये उसको बदनाम किया जा रहा है. असल में दिल्ली
के परदूसन का कारन केजरीवाल है. ऊ आत्महत्या करने वाला फौजी को एक करोड़ दे दिया अऊर
उसको सहीद बता दिया. देस का अपमान हुआ अऊर सरहद पर मरने वाला फौजी का भी.
अभी ई सब घपला चलिये रहा था कि एगो चैनेल पर
एक दिन का बैन हो गया. हो गया महाभारत सुरू कि आजादी का हनन है अऊर दोसरा दल का कहना
था कि देसद्रोही को सजा मिलना ही चाहिये. बैन हुआ चैनेल अऊर गरियाना सुरू हुआ रबीस
कुमार को.
हम त अपने गुरू जी का बरसी भी भुला जाते हैं, जिनका कहना था कि बेटा
बंद मुट्ठी पर कभी सर्त मत लगाना. दुनिया एतना बात बतिया गया अऊर हर अदमी एतना एक्स्पर्ट
होके सब खिस्सा सुना दिया कि हम भौंचक रह गये. केतना बारीक अध्ययन है लोग के पास राजनीति
का. जबकि हम त “ऐनिमल फार्म”, 1984 अऊर “द ब्रिद्रेन” पढने वाला अदमी हैं. हम त एतने जानते हैं
कि राजनीति में हम जऊन बात को सच झूठ, समर्थन-बिरोध मानकर दू भाग में बँट जाते हैं, उसका असली कहानी किसी
को नहीं मालूम होता है. अइसा नहीं होता त राडिया टेप, पनामा पेपर्स अऊर विकीलीक्स
का सब खिस्सा अब तक ई सरकार को दुनिया के सामने लाकर छौ दसक से देस का खून चूसने वाले
सरकार को नंगा कर देना चाहिये था. ई बिन हुआ चैनल का भी एगो जबरदस्त एस्कैम चर्चा से बाहर है, काहे नहीं कोई ऊ बात उठाता है. आइंस्टीन को रिलेटिविटी के लिये नोबेल नहीं दिया, ब्लैक बोडी के लिये दे दिया. अच्छा खेला है भाई!
खैर, हम दिल्ली के हवा के परदूसन से चलकर, राजनीति के परदूसन तक पहुँच गये. बस ई सब के बीच खुसी
का दुइये गो बात है. पहिला ई कि ई सबके बीच कोई बिहारी को परदूसन का दोसी नहीं मान
रहा है .... अऊर दोसरा कारन है कि ....
ई हमरे ब्लॉग-बुलेटिन का डेढ़ हज़ारवाँ पोस्ट है!
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पूर्ण मनोकामना का पर्व है छठ
क्या भगवान भी दिल्ली वालों को किसी बात की सजा दे रहा है ...
छठ पूजा
उजाले के दरीचे खुल रहे हैं
दूषित कविता
छठ के रंग मेरे संग : क्या अनूठा है इस पर्व में? Chhath Puja 2016
तस्वीरें बता रही हैं कि हम ”किस तरह से” सूर्य की उपासना कर रहे हैं
दस्तक
तुम और मैं -३
जो सच सच बोलेंगे मारे जाएंगे...
ज़मीर ज़िन्दा रखना ( आलेख ) डॉ लोक सेतिया
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दिल्लीके परदुसन से राजनीति परदुसन तक जो बोले न छोटा भाई, उ बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंहर बात में लोग बुद्धिजीवी बन जाता है, अनुमानित बुद्धिजीवी :)
निमन पोस्ट
जवाब देंहटाएंपता नहीं कितने टायींम बाद यहां आयी हूँ लेकिन आ कर अच्छा लगा और पोस्ट पर तो क्या कहूँ 2 दिन से मेरे भी गले में दर्द हो रहा है इस प्रदूषण की वजह से ����
जवाब देंहटाएंदिल्ली में सतीश सक्सेना जी हैं। उनको तो कउनो भय नहीं है। दौड़ में रिकार्ड बना रहे हैं। सबसे खतरनाक ई राजनैतिक प्रदूषण है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ब्लाग बुलेटिन भी बुलेट के माफिक दौड़ रहा है। बुलेटिन के सभी सदस्यों पाठकों ब्लागरों को बधाइयाँ और शुभकामनाएं । हाँ कुछकुछ समझ में आ रहा है अपनी समझ के हिसाब से हिसाब किताब। अब सब का गणित फंटूस हो ये जरूरी नहीं । हम भी कोशिश करते हैं जोड़ कर देखने की क्या करें सब दो और दो चार कह रहे होते हैं और हम चश्मा लगा कर भी कभी तीन पर अटक जाते हैं कभी पाँच हो जाता है । कोई नहीं 1500 की जय हो कारवाँ दौड़ता रहे इसी तरह शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबहुतन का हिसाब लपेट लिए हैं आज तो .... मज़ा आइ ... और अच्छा बुलेटिन है
जवाब देंहटाएंदिवाली तो हर कोई मनाता है। ... धुंआ धीरे-धीरे हर कहीं होने वाला है। ... आप धीरे-धीरे चलकर बुलेटिन को यहां तक ले आए इसी तरह आगे भी ले जाएंगे। ... सब कुछ शुभ होगा। ...... बधाई व प्रणाम
जवाब देंहटाएंकहीं कुछ भी जले ..धुँआ कहीं से भी उठे .प्रदूषण ही फैलाता है .पर उसके बीच रहकर भी ताजी हवा सी आपकी अभिव्यक्ति सुकून देती है. 1500 वी पोस्ट के लिये बहुत बहुत बधाई .
जवाब देंहटाएंअब हम का कहीं... बुद्धिमान होय के बाद से चीरहरन का अतना नू आदत हो गइल बा ई लोग के कि नंग ओ मिल जाई त ओहकर चीरहरन का चक्कर मं कुल चमड़िये छिला जाई । अतिवाद हमार सुभाव बन गइल बा ।
जवाब देंहटाएं1500 वीं पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक शुक्रिया !!
घर में टीवी और बाहर राजनीति के गलियों का शोर के बीच प्रकृति भी अपना रूप दिखा रहा है .. बिहार को लेकर जाने क्यों इतना हल्ला मचाते लोग, समझना टेड़ी खीर है भई ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
1500 वें पोस्ट में मेरा ब्लॉग पोस्ट शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। ब्लॉग बुलेटिन का आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर, सार्थक बुलेटिन। हरयाणा, पंजाब के बाद अब पाकिस्तान का नाम भी आ रहा है इस प्रदूषण के पीछे। खैर, यही रीत है। अपनी जिम्मेवारी दूसरे पर टरकाना तो चलता रहेगा। आपको १५०० पोस्ट्स के लिये बधाई।
जवाब देंहटाएंकभी कभी कहने को बहुत होता है मगर समझ नहीं आता क्या कहें और कहें तो किस से , कुछ ऐसा है आज , शब्द नहीं हैं , समझ सको तो ख़ामोशी की आवाज़ को सुनो , शायद समझ पाओ ! धन्यवाद
जवाब देंहटाएं1500 वीं पोस्ट पर हार्दिक बधाइयाँ । प्रदूषण अब बड़ी समस्या बनेगा । पानी के बाद अब हवा का भी बाजार तैयार होगा । छठ के सबके राम राम । नीमन बुलेटिन , नीमन लिंक्स ।
जवाब देंहटाएं1500 वीं पोस्ट पर हार्दिक बधाइयाँ । प्रदूषण अब बड़ी समस्या बनेगा । पानी के बाद अब हवा का भी बाजार तैयार होगा । छठ के सबके राम राम । नीमन बुलेटिन , नीमन लिंक्स ।
जवाब देंहटाएंभाई बहुत अच्छी लगी ब्लॉग बुलेटिन की यह पोस्ट ...लखनऊ का भी वाही हल हो चूका जो दिल्ली का है...ये धुंध जाने कब तक बनी रहेगी ...अब तो लोगों को चेत जाना चाहिए.....शानदार प्रस्तुति के लिए शुभकामनायें ....डा० हेमंत कुमार
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम और सभी पाठकों को १५०० वीं पोस्ट की इस कामयाबी पर ढेरों मुबारकबाद और शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंसलिल दादा और पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से सभी पाठकों का हार्दिक धन्यवाद ... आप के स्नेह को अपना आधार बना हम चलते चलते आज इस मुकाम पर पहुंचे है और ऐसे ही आगे बढ़ते रहने की अभिलाषा रखते है |
ऐसे ही अपना स्नेह बनाए रखें ... सादर |