नमस्कार साथियो,
भारतीय राजनीति को
देखने पर अजब से रंगमच जैसी अनुभूति हो रही है. देशहित, देश-विकास के मुद्दों से
एकदम उलट सिर्फ और सिर्फ स्वार्थपरक राजनीति की जा रही है. क्या सही है, क्या गलत
है इसे समय तय करेगा किन्तु प्रथम दृष्टया कहा जा सकता है कि जिस तरह से महज विरोध
करने का नाम पर विरोध की निम्न स्तरीय राजनीति की जा रही है वह इसके गिरते स्तर को
दर्शाती है. बहरहाल, राजनैतिक मंच पर चल रही नौटंकी से इतर वास्तविक रंगमंच के
वास्तविक कलाकार से आपका परिचय करवाते हैं. यह ऐतिहासिक व्यक्तित्व है पृथ्वीराज
कपूर.
आज, 3 नवम्बर को हिन्दी फिल्म और रंगमंच के इतिहासपुरुष पृथ्वीराज कपूर का
जन्मदिन है. उनका जन्म 3 नवंबर 1906 को पंजाब में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक
शिक्षा लायलपुर और लाहौर (पाकिस्तान) में रहकर पूरी की. 18 वर्ष की उम्र में उनका विवाह
हो गया और वे सन 1928 में अपनी चाची से आर्थिक सहायता लेकर अपने सपनों के शहर मुंबई
आ गए. यहाँ आकर वे इंपीरियल फ़िल्म कंपनी से जुड़ गए. थियेटर के प्रति अप्रतिम लगाव
के चलते सन 1944 में उन्होंने खुद की थियेटर कंपनी पृथ्वी थिएटर शुरू
की. इसमें उन्होंने आधुनिक और शहरी विचारधारा का इस्तेमाल किया, जो तत्कालीन फारसी और परंपरागत थिएटरों से बहुत अलग था. पृथ्वी थिएटर
के प्रति वे इस क़दर समर्पित थे कि तबीयत ख़राब होने के बावजूद हर शो में हिस्सा लिया
करते थे. कहा जाता है कि एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनसे विदेश
में जा रहे सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करने की पेशकश की. लेकिन उन्होंने
नेहरू जी की पेशकश यह कहते हुए नामंजूर कर दी कि थिएटर के काम को छोड़कर वह विदेश
नहीं जा सकते. सोलह वर्षों में पृथ्वी थिएटर के 2662 शो हुए
जिनमें पृथ्वीराज ने लगभग सभी शो में मुख्य किरदार निभाया. पृथ्वीराज कपूर को देश के
सर्वोच्च फ़िल्म सम्मान दादा साहब फाल्के और पद्म भूषण से सम्मानित करने के साथ-साथ राज्यसभा
के लिए भी नामित किया गया था.
29 मई 1972 को इस
महान कलाकार का देहांत बंबई में हो गया. भारतीय सिने जगत के युगपुरुष पृथ्वीराज कपूर
का नाम एक ऐसे अभिनेता के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने
अपनी कड़क आवाज, रोबदार भाव भंगिमा और दमदार अभिनय के बल पर लगभग
चार दशकों तक सिने दर्शकों के दिलों पर राज किया.
उनके जन्मदिन पर
बुलेटिन परिवार की तरफ से उनको विनम्र श्रद्धांजलि
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बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंपृथ्वीराज कपूर जी के जन्मदिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
दादा जी को श्रद्धा सुमन...
जवाब देंहटाएंरुचिपरक रचनाओं का चयन
सादर
बहुत सुन्दर । वाकई सब फेक है और हम ही बस नेक हैं हा हा बढ़िया प्रस्तुति बढ़िया सूत्र ।
जवाब देंहटाएंस्व॰पृथ्वीराज कपूर जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि!
जवाब देंहटाएंमेरी गज़ल शामिल करने के लिये धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन ।
मेरी गज़ल शामिल करने के लिये धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन ।
Very Nice Article
जवाब देंहटाएंThanks For Sharing This
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