कब वक़्त भागते हुए बहुत व्यस्त हो गया, कहाँ पलक झपकते कोई
कहीं छूट गया, !!!
लिंक तो वे भी थे
थे हमारे लिए एक किताब
आज का बुलेटिन उनके नाम
जो अब नज़र नहीं आते
कैसे बुलायें उनको ?
अनुसरण तो उनका भी बहुतों ने किया था, आइये एक बार आवाज़ तो दें
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!
@आइये एक बार आवाज़ तो दें.....शायद लौट ही आएं
जवाब देंहटाएंलौटें तो चहक गूँजे
जवाब देंहटाएंwelcome
जवाब देंहटाएंसार्थक पहल ...मिलकर आवाज दें, शायद जाग उठें ..
जवाब देंहटाएंऔर भी बहुत से ब्लॉग के किवाड़ जब बंद नज़र आते हैं तो उनकी वीरानगी खलती हैं
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसार्थक पहल .....
जवाब देंहटाएंसुंदर पहल.
जवाब देंहटाएंआशा ही कर सकते हैं कि यह सारे ब्लॉग और ब्लॉगर पुनः सक्रिय होंगे |
जवाब देंहटाएंआप को इस सार्थक प्रयास के लिए साधुवाद |