नमस्कार साथियो,
श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म
में विष्णु के अवतार माने जाते हैं. श्री कृष्ण का जन्म यदुवंशी क्षत्रिय कुल में राजा
वृष्णि के वंश में भाद्रपद, कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था.
श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युगपुरुष थे. उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभा
सम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं वरन एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ. श्रीकृष्ण
ने सदैव कर्मव्यवस्था को सर्वोपरि माना. कुरुक्षेत्र में अर्जुन को कर्मज्ञान देते
हुए उन्होंने गीता की रचना की जो आज भी सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है. उनका गीता-ज्ञान
समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है. उनकी स्तुति लगभग सारे भारत
में किसी न किसी रूप में की जाती है. कई वैज्ञानिकों तथा पुराणों का मानना है कि हिन्दू
कालगणना के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म लगभग 5000 वर्ष पूर्व हुआ
था. भगवान श्रीकृष्ण को कान्हा, गोपाल, गिरधर, माधव, केशव, मधुसूदन, गिरधारी, रणछोड़,
बंशीधर, नंदलाल, मुरलीधर
आदि नामों से भी जाना जाता है.
उनके होंठों पर सजी बाँसुरी
की प्रेमपरक धुनों और राक्षसों के संहार के लिए ऊँगली में घूमते सुदर्शन चक्र की आवश्यकता
समाज को आज भी है. हमें ही बनना होगा अपना कृष्ण, ऐसी सोच के बीच प्रस्तुत है आज
की बुलेटिन.
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युगपुरुष श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर सजी सामयिक ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबुलेटिन परिवार के साथ ही सभी ब्लॉगर्स एवं सुधि पाठकों की जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनायें। बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनायें......
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट शामिल की ...हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिनक्स हैं ... शुभकामनाएं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनायें। बहुत सुन्दर बुलेटिन .......हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंआआज की बुलेटिन में शामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंउपयोगी लिंक्स भी मिले ।