सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
विश्व जनसंख्या दिवस ( World Population Day ) प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है। अत्यधिक तेज़ गति से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही यह दिवस मनाया जाता है। यह जागरूकता मानव समाज की नई पीढ़ियों को बेहतर जीवन देने का संदेश देती है। बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, वातावरण सहित अन्य आवश्यक सुविधाएँ भविष्य में देने के लिए छोटे परिवार की महती आवश्यकता निरन्तर बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों का समुचित दोहन कर मानव समाज को सर्वश्रेष्ठ बनाए रखने और हर इंसान के भीतर इन्सानियत को बरकरार रखने के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है कि 'विश्व जनसंख्या दिवस' की महत्ता को समझा जाए।
( साभार - http://bharatdiscovery.org/india/विश्व_जनसंख्या_दिवस )
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर ...
लियोनार्दो दा विंची का अभिशाप
पृथ्वीराज चौहान: महानतम हिन्दू शासक
परमाणु विस्फोट कितने देश कर चुके हैं?
शिक्षा पर विमर्श क्यों नहीं?
जहरीली तकरीरों पर लगे अंकुश
आतंकी का समर्थन करने वाले भी आतंकी
कश्मीर में मूल समस्या आतंकवाद नहीं आर्थिक गरीबी है
क्या मिला है देश को इस संविधान से
अब ब्रांड बनता जा रहा है लिट्टी चोखा
गोशाला की गायें
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगें नमस्कार। सादर ... अभिनन्दन।।
विश्व जनसंख्या दिवस ( World Population Day ) प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है। अत्यधिक तेज़ गति से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही यह दिवस मनाया जाता है। यह जागरूकता मानव समाज की नई पीढ़ियों को बेहतर जीवन देने का संदेश देती है। बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, वातावरण सहित अन्य आवश्यक सुविधाएँ भविष्य में देने के लिए छोटे परिवार की महती आवश्यकता निरन्तर बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों का समुचित दोहन कर मानव समाज को सर्वश्रेष्ठ बनाए रखने और हर इंसान के भीतर इन्सानियत को बरकरार रखने के लिए यह बहुत जरूरी हो गया है कि 'विश्व जनसंख्या दिवस' की महत्ता को समझा जाए।
( साभार - http://bharatdiscovery.org/india/विश्व_जनसंख्या_दिवस )
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर ...
लियोनार्दो दा विंची का अभिशाप
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शिक्षा पर विमर्श क्यों नहीं?
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कश्मीर में मूल समस्या आतंकवाद नहीं आर्थिक गरीबी है
क्या मिला है देश को इस संविधान से
अब ब्रांड बनता जा रहा है लिट्टी चोखा
गोशाला की गायें
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगें नमस्कार। सादर ... अभिनन्दन।।
सुन्दर प्रस्तुति हर्षवर्धन ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
अच्छा बुलेटिन ... आभार मुझे जगह देने के लिए ...
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