सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ( Syama Prasad Mookerjee, जन्म- 6 जुलाई, 1901, कोलकाता; मृत्यु- 23 जून, 1953) एक महान शिक्षाविद और चिन्तक होने के साथ-साथ भारतीय जनसंघ के संस्थापक भी थे। उन्हें आज भी एक प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर देशभक्त के रूप में याद किया जाता है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतों के पक्के इंसान थे। संसदमें उन्होंने सदैव राष्ट्रीय एकता की स्थापना को ही अपना प्रथम लक्ष्य रखा था। संसद में दिए अपने भाषण में उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा था कि "राष्ट्रीय एकता के धरातल पर ही सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है।" भारतीय इतिहास में उनकी छवि एक कर्मठ और जुझारू व्यक्तित्व वाले ऐसे इंसान की है, जो अपनी मृत्यु के इतने वर्षों बाद भी अनेक भारतवासियों के आदर्श और पथप्रदर्शक हैं।[ साभार :- http://bharatdiscovery.org/india/श्यामा_प्रसाद_मुखर्जी ]
आज स्वर्गीय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की 115वीं जयंती पर पूरा देश उनकी स्मृति को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
अब चलते है आज की बुलेटिन की ओर ...
आज की ब्लॉग बुलेटिन में सिर्फ इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए नमस्कार। सादर ... अभिनन्दन।।
नमन है डॉ श्यामा प्रसाद जी को ...
जवाब देंहटाएंअच्छा बुलेटिन है आज का ... सभी लिंक्स अच्छे ... आभार मुझे भी शामिल करने का ...
सादर नमन... डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को और आभार आपको जो इन चुनिन्दा रचनाओं के मध्य मेरी पोस्ट कैसे विकास हो उस देश का को भी शामिल करने के लिये । धन्यवाद सहित...
जवाब देंहटाएंडॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को सादर नमन
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंPranam dr Shyama prasad ji ko..bahut sundar prastuti..aabhar
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंडॉ श्यामा प्रसाद जी को हार्दिक भावभीनी श्रद्धा सुमन!
सभी को ईद मुबारक!
शानदार बुलेटिन |मेरी रचना शामिल करने के लिये धन्यवाद सर |
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का बुलेटिन ! मेरी रचना 'पेड़ का दर्द' को सम्मिलित करने के लिये आपका धन्यवाद हर्षवर्धन जी ! आभार !
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