प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
भारतीय: चीजों का सही उपयोग अगर हम नहीं करते तो कोई भी नहीं करता।
अंग्रेज: यह अाप कैसे कह सकते हो?
भारतीय: मैं समझाता हूँ। मेरे इस पजामे को देखो, मैं इसे करीब एक साल से पहन रहा हूंं। अब इसके बाद श्रीमति जी इसको काटकर मेरे बेटे राजू के साइज़ का बना देगी।
फिर राजू इसे एक साल पहनेगा। उसके बाद श्रीमति जी इसको काट-छांट कर तकियों के कवर बना देगी।
फिर एक साल बाद उन कवर का झाड़ू पोछे में इस्तेमाल किया जायेगा।
अंग्रेज बोला, "फिर फेंक देते होंगे?"
भारतीय ने फिर कहा, "नहीं-नहीं इसके बाद 6 महीने तक मैं इस से अपने जूते साफ़ करूंगा और अगले 6 महीने तक बाइक का साइलेंसर चमकाऊँगा। बाद में उसे हाथ से बनाई जाने वाली गेंद में काम में ले लेंगे और अंत में कोयले की सिगडी (चूल्हा) सुलगाने के काम में लेंगे और फिर उस सिगड़ी (चूल्हे) की राख बर्तन मांजने के काम में लेंगे।"
इतना सुनने के बाद अंग्रेज बेहोश होकर गिर गया और उसे होश आने पर एहसास हुआ कि आखिर अंग्रेज भारत छोड़कर जाने पर क्यों मजबूर हुए।
सादर आपका
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
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~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
बहुत बढ़िया शिवम जी ।
जवाब देंहटाएंshandar
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअाभार!
आप सब का बहुत बहुत आभार |
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