प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
जिस दिन इन जैसे मासूमों छोटूओं को मजदूर बनने से बचा लेना ... मेरे दोस्त जी भर मजदूर दिवस के गीत गा लेना !!
हाशिये का नवगीत
हक़ मांग मजूरा !
तोड़ो अदृश्य स्पाती जंजीरें ...
उद्वेग
मजदूर दिवस पर एक जन - गीत
कहानी- ऐसी भी एक बहू!!
२१२. खिलौने
यह दल्ले पत्रकार किस मुंह से प्रेस क्लबों में समारोहपूर्वक मज़दूर दिवस की हुंकार भरते हैं
मजदूर दिवस !
सहरिया से आई जाओ बलमू
अमर क्रांतिकारी स्व ॰ प्रफुल्ल चाकी जी की १०८ वीं पुण्यतिथि
सटीक प्रस्तुति शिवम जी । बाल श्रमिक नियम हैं जरूर पर जरूरत कड़ाई से लाग़ु करने की है ।
जवाब देंहटाएंबाल मजदूरी गंभीरता से सोचने की जरुरत है। सुन्दर प्रस्तुति। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबाल मजदूरी गंभीरता से सोचने की जरुरत है। सुन्दर प्रस्तुति। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंपहल हमें ही करनी चाहिये। बालकों से मजदूरी ना कराकर। उनके शिक्षा दीकषा में हाथ बचा कर।
जवाब देंहटाएंसुंदर बुलेटिन । देखते हैं बुलेटिन के आलेख भी।
जवाब देंहटाएंशानदार लिंक्स से सजा बुलेटिन ...........हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक सामयिक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक सामयिक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंशानदार
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