सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
महाराणा प्रताप (जन्म- 9 मई, 1540 ई. कुम्भलगढ़, राजस्थान; मृत्यु- 29 जनवरी, 1597 ई.) का नाम भारतीय इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रतिज्ञा के लिए अमर है। वे उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर 'मेवाड़-मुकुट मणि' राणा प्रताप का जन्म हुआ। वे अकेले ऐसे वीर थे, जिसने मुग़ल बादशाह अकबर की अधीनता किसी भी प्रकार स्वीकार नहीं की। वे हिन्दू कुल के गौरव को सुरक्षित रखने में सदा तल्लीन रहे। महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है।
[ जानकारी स्त्रोत - http://bharatdiscovery.org/india/महाराणा_प्रताप ]
गोपाल कृष्ण गोखले ( जन्म: 9 मई, 1866 ई., कोल्हापुर, महाराष्ट्र; मृत्यु: 19 फ़रवरी, 1915 ई.) अपने समय के अद्वितीय संसदविद और राष्ट्रसेवी थे। यह एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक भी थे। 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम के नौ वर्ष बाद गोखले का जन्म हुआ था। यह वह समय था, जब स्वतंत्रता संग्राम असफल अवश्य हो गया था, किंतु भारत के अधिकांश देशवासियों के हृदय में स्वतंत्रता की आग धधकने लगी थी।
[ जानकारी स्त्रोत - http://bharatdiscovery.org/india/गोपाल_कृष्ण_गोखले ]
आज भारत के इन दो महापुरूषों की जयंती के सुअवसर पर पूरा देश इन्हें स्मरण करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। सादर।।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर ...
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
महाराणा प्रताप और गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती पर उन्हे नमन । सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हर्षवर्धन ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंमहाराणा प्रताप और गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती पर उन्हे नमन!
महाराणा प्रताप और गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती पर उन्हे सादर नमन ।
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