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शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

"ब्रह्मा से कुछ लिखा भाग्य में मनुज नहीं लाया है।
अपना सुख उसने अपने भुजबल से ही पाया है॥"
-रामधारी सिंह दिनकर
सादर आपका

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क्या लिखें .... क्या लिखें गीत

पिता

ताज्जुब नहीं!

पलाश की दीवानी

यह देश कब जागृत और परिपक्व होगा ?

खतरनाक मिसाल कायम कर रहे हैं पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम

अपशब्द

अमर शहीद पंडित चन्द्र शेखर आज़ाद जी की ८५ वीं पुण्यतिथि

बसंत

अरे क्या साँप सूँघा है सभी को

ऊपर वाले के जैसे ही कुछ अपने अपने नीचे भी बना कर वंदना कर के आते हैं

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!! 

8 टिप्‍पणियां:

  1. हिन्‍दी ब्‍लॉगर्स के लिये एक खुशखबरी। अगर आप भी हिन्‍दी ब्‍लागर हैं तो एक बार इस ब्‍लॉग पर जरूर पधारें। ब्‍लॉग पर जानें के लिये यहॉ क्लिक करें

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  2. बहुत सुन्दर शनिवारीय बुलेटिन । आभार शिवम जी 'उलूक' के सूत्र 'ऊपर वाले के जैसे ही कुछ अपने अपने नीचे भी बना कर वंदना कर के आते हैं' को आज के अंक में स्थान दिया । फ़ारुख अब्बास जी ब्‍लॉग पर जानें के लिये यहॉ क्लिक करें पर क्लिक करने पर Sorry, the page you were looking for in this blog does not exist मिला ।

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  3. बहुत सुंदर लिंक्स।
    मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार!

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!