प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
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आज
१० सितंबर है ... आज का दिन जुड़ा हुआ है भारत माता के दो परम वीर सपूतों
से ... अमर क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ मुखर्जी, जिन को बाघा जतीन के नाम से भी
जाना जाता हैं और परमवीर चक्र विजेता अमर शहीद कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल
हामिद | आज इन दोनों ही की पुण्यतिथि है |
जतीन्द्रनाथ मुखर्जी
उपनाम : बाघा जतीन
जन्मस्थल : कायाग्राम, कुष्टिया जिला बंगाल (अब बांग्लादेश मे )
मृत्युस्थल: बालेश्वर,ओड़ीशा
आन्दोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
प्रमुख संगठन: युगांतर
बाघा जतीन ( बांग्ला में বাঘা যতীন (उच्चारणः बाघा जोतिन) ( ०७ दिसम्बर, १८७९ - १० सितम्बर , १९१५) के बचपन का नाम जतीन्द्रनाथ मुखर्जी (जतीन्द्रनाथ मुखोपाध्याय) था। वे ब्रिटिश शासन के विरुद्ध कार्यकारी दार्शनिक क्रान्तिकारी थे। वे युगान्तर पार्टी के मुख्य नेता थे। युगान्तर पार्टी बंगाल में क्रान्तिकारियों का प्रमुख संगठन थी।
उपनाम : बाघा जतीन
जन्मस्थल : कायाग्राम, कुष्टिया जिला बंगाल (अब बांग्लादेश मे )
मृत्युस्थल: बालेश्वर,ओड़ीशा
आन्दोलन: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
प्रमुख संगठन: युगांतर
बाघा जतीन ( बांग्ला में বাঘা যতীন (उच्चारणः बाघा जोतिन) ( ०७ दिसम्बर, १८७९ - १० सितम्बर , १९१५) के बचपन का नाम जतीन्द्रनाथ मुखर्जी (जतीन्द्रनाथ मुखोपाध्याय) था। वे ब्रिटिश शासन के विरुद्ध कार्यकारी दार्शनिक क्रान्तिकारी थे। वे युगान्तर पार्टी के मुख्य नेता थे। युगान्तर पार्टी बंगाल में क्रान्तिकारियों का प्रमुख संगठन थी।
१९६५ के भारत - पाकिस्तान युद्ध मे आज ही दिन परमवीर चक्र विजेता कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद की शहादत हुई थी |
परमवीर चक्र विजेता कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद का जन्म 1-जुलाई-१९३३ को, गाजीपुर (उ.प्र.) में एक साधारण दर्जी परिवार में हुआ था. वे २७ दिसम्बर १९५४ में सेना में प्रविष्ट हुये थे और अपने सेवा काल में सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल और रक्षा मेडल से सम्मान प्राप्त किया था. १९६५ में पाकिस्तान युद्ध में असाधारण बहादुरी के लिए महावीर चक्र और परमवीर चक्र प्राप्त हुआ|
परमवीर चक्र विजेता कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद का जन्म 1-जुलाई-१९३३ को, गाजीपुर (उ.प्र.) में एक साधारण दर्जी परिवार में हुआ था. वे २७ दिसम्बर १९५४ में सेना में प्रविष्ट हुये थे और अपने सेवा काल में सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल और रक्षा मेडल से सम्मान प्राप्त किया था. १९६५ में पाकिस्तान युद्ध में असाधारण बहादुरी के लिए महावीर चक्र और परमवीर चक्र प्राप्त हुआ|
ब्लॉग
बुलेटिन टीम और पूरे हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से भारत माता के इन दोनों
सपूतों की पुण्यतिथि पर हम सब इनको शत शत नमन करते हैं |
सादर आपका
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उदास होना लक़्जरी है.....
जिंदगी की परछाईं
बेवक़्त हादसे
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
यादों का बहाना
"सिर्फ कथनी ही नही, करनी भी"
इस्ताम्बुल:"लोनली प्लानेट"... !!
चलो शहर से गांव मुसाफिर
खण्डहर वो
हर पल रोना धोना क्या
दर्द का यूं दवा बनना
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
परमवीरों को नमन । सुंदर बुलेटिन सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंभारत माता के इन दोनों सपूतों को शत शत नमन। मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंशहीदों को कोटि कोटि नमन!
जवाब देंहटाएंamar shahidon ..ko vinamra shradhanjali ........thanks n aabhar ....
जवाब देंहटाएंभारत माता के परम वीर सपूतों को कोटि -कोटि प्रानाम ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने का बहुत बहुत शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
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