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शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

मेड इन इंडिया - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम|

एक जापानी पर्यटक भारत की सैर पर आया हुआ था। आखिरी दिन उसने एयरपोर्ट जाने के लिए एक टैक्सी ली और ड्राइवर को चलने के लिए कहा।

यात्रा के दौरान एक 'होण्डा' बगल से गुज़री। जापानी ने उत्तेजित होकर खिड़की से सिर निकाला और चिल्लाया‚ `होण्डा‚ वेरी फास्ट! मेड इन जापान!`

कुछ देर बाद एक 'टोयोटा' तेज़ी से टैक्सी के पास से गुज़री‚ और फिर जापानी बाहर झुका और चिल्लाया‚ `टोयोटा‚ वेरी फास्ट! मेड इन जापान!`

और फिर एक 'मित्सुबिशी' टैक्सी की बगल से गुज़री। तीसरी बार जापानी खिड़की की ओर झुकते हुए चिल्लाया‚ `मित्सुबिशी‚ वेरी फास्ट! मेड इन जापान!`

ड्राइवर थोड़ा ग़ुस्से में आ गया मगर चुप रहा और कई सारी कारें गुज़रती रहीं।

आखिरकार टैक्सी एयरपोर्ट तक पहुँच गयी। किराया 800 रु. बना। जापानी चीखा‚ `क्या? इतना ज़्यादा!`

तो ड्राइवर चिल्लाया, `मीटर‚ वेरी फास्ट! मेड इन इंडिया।`

डिस्क्लेमर :- इस लतीफ़े का किसी भी प्रकार की राजनीति से कोई सरोकार नहीं हैं !!

सादर आपका
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आलसी लालची मकड़ी

sadhana vaid at Sudhinama

ह्रदय-राग

निहार रंजन at बातें अपने दिल की

सकारात्मक और नकारात्मक हवा को देखने के नजरिये से पता चल जाता है

सुशील कुमार जोशी at उलूक टाइम्स

कुछ अफ़साने : लाज़िमी हैं

कितनी टूटन है अंदर भी बाहर भी

5 सितम्बर शिक्षक दिवस

Kavita Rawat at KAVITA RAWAT

// है मजबूर कितना मर्द तुमसे प्रेम करके //

Amit Kumar Nema at एक:

हमारे तुम्हारे बीच

यस कोर्स की टीचर

उपसंहार के साथ

रश्मि प्रभा...at मेरी भावनायें...

ढलते ढलते एक आँसू, (ग़ज़ल)

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

9 टिप्‍पणियां:

  1. ह्रदय-राग को स्थान देने के लिए धन्यवाद.

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  2. मीटर‚ वेरी फास्ट! मेड इन इंडिया।
    फ़ास्ट ट्रैक पर है देश हमारा ....
    सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार

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  3. ब्लॉग बुलेटिन का यह अंक पठनीय सूत्रों से सजा है..आभार मुझे भी इसमें शामिल करने के लिए..

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  4. बहुत सुंदर बुलेटिन । आभार 'उलूक' के सूत्र 'सकारात्मक और नकारात्मक हवा को देखने के नजरिये से पता चल जाता है' को आज के बुलेटिन में स्थान देने के लिये ।

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  5. बहुत सुंदर संकलन , सभी प्रबुद्ध रचनाकारों की प्रस्तुतियाँ सराहनीय हैं, " // है मजबूर कितना मर्द तुमसे प्रेम करके // " को इस बुलेटिन में सम्मिलित करने हेतु आपके आभारी हैं |

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  6. सुन्दर, सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का बुलेटिन ! आलसी लालची मकड़ी की कहानी को इसमें सम्मिलित करने के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया शिवम जी ! आभार आपका !

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