एक तीली तुम जलाना
एक तीली मैं
अँधेरा कट जायेगा
एक कदम तुम नापना
एक कदम मैं
बीहड़ रास्ता छोटा हो जायेगा
अँधेरे में एक बात याद रखना
सूरज भी तुम्हारे हिस्से में है
मेरे हिस्से भी
कुछ आग तुम बटोरना
कुछ मैं
पूरा दिन मुट्ठी में होगा ही होगा
5 टिप्पणियाँ:
" कुछ आग तुम बटोरना
कुछ मैं
पूरा दिन मुट्ठी में होगा ही होगा "
अद्भुत सृजन...
भावों का सुन्दर संचयन...
बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति...आभार!
आभारी हूँ
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
आभारी हूँ
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
हर एक को उस के हिस्से का सूरज मिले ... इस दुआ के साथ ... :)
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