विदेश में बसे हुए पंछी को रह रह कर देश की याद सताती है, उससे इतर वह देश के लिए क्या करता है वह ज्यादा जरूरी है। यहाँ कई लोग ऐसे मिलते हैं जो टैक्स छुपाने और बचाने के लिए न जाने क्या क्या हथकंडे अपनाते हैं। मैंने कल दो लोगों को समझाया और उनका टैक्स फाईल करवाया। अच्छा लगा कि देश के खाते में सवा लाख रुपए गए और काला पैसा बचा। मित्रों विदेश में बसे भारतीयों के लिए टैक्स के नियम और लचीले होने चाहिए, निवेश भी आसान चाहिए और संपर्क बने रखने के लिए ई-गवर्नेंस का एक एन आर आई डिपार्टमेंट चाहिए ताकि लोग टैक्स फाईलिंग आराम से करें और देश के विकास में भागीदार बनें। एक समस्या जो मुझे दिखी वह थी दसियों साल से बसे लोगों के पास जानकारी का अभाव। ऑनलाईन के बारे में व्यापारी वर्ग अनभिज्ञ है, सो निश्चित ही यह एक बडी बात है। इसके लिए प्रचार की जरुरत है। विदेश मंत्रालय विदेश में बसे भारतीयों को वालंटेयरली टैक्स मित्र बनने को कहे और यह जानकारी नेट पर दे दे। कोई भी व्यक्ति या कोई डिफाल्टर यदि पुराना बकाया जमा करना चाहे तो वह आराम से अपने टैक्स मित्र से संपर्क कर लें और अपना पर्सनल टैक्स खाता बनाए रख सके। यह जानकारी हम उन देशों से साझा कर सकते हैं जिनके साथ हमारी ड्यूल टैक्स पर संधि है। वाकई यह एक क्रांतिकारी कदम होगा और लोग आराम से अपना आयकर भरेंगे।
वैसे मामला पैसे से जुडा होने के कारण कई लोग बचना चाहते हैं और यही काले धन का एक बडा भाग है। मैने तो सवा लाख का काला धन बचा कर अपनी जिम्मेदारी का एक भाग निभा दिया, आप भी जब मौका मिले कीजीए अच्छा लगेगा।
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अब चलते है आज़ की बुलेटिन की ओर ...
अच्छी बात नहीं है देव जी कहा था खबर नहीं है फिर भी आप माने नहीं ।'उलूक' खुश हुआ 'भाई कोई खबर नहीं है खबर गई हुई है' को आप ने जगह दी आज के बुलेटिन में आभार ।
जवाब देंहटाएंआभार मायाजाल के लिए !!
जवाब देंहटाएंबुलेटीन से उम्दा जानकारी मिली |
जवाब देंहटाएंइस जानकारी के लिए ह्रदय से आभार।
जवाब देंहटाएंविदेश में बसे भारतीयों के लिए टैक्स के नियम और लचीले होने चाहिए, निवेश भी आसान चाहिए और संपर्क बने रखने के लिए ई-गवर्नेंस का एक एन आर आई डिपार्टमेंट चाहिए ताकि लोग टैक्स फाईलिंग आराम से करें और देश के विकास में भागीदार बनें ....एकदम दुरुस्त सुझाव है, इससे निश्चित ही राष्ट्रीय आय में बढ़ोत्तरी होगी। ।
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को बुलेटिन में शामिल करने हेतु आभार!
बढ़िया जागरूकता फैला रहे है देव बाबू ... साधुवाद |
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