प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
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एक शराबी ने ठेके का दरवाज़ा खटखटाया।
ठेके वाला: क्या है?
शराबी: दारू है?
ठेके वाला: चल भाग साले... रात के 2 बजे हैं।
शराबी: कामचोर साले, तू सुप्रीम कोर्ट से बङा है क्या? जब वो रात को जाग कर काम कर सकती है तो तू क्यों नही?
ठेके वाला: क्या है?
शराबी: दारू है?
ठेके वाला: चल भाग साले... रात के 2 बजे हैं।
शराबी: कामचोर साले, तू सुप्रीम कोर्ट से बङा है क्या? जब वो रात को जाग कर काम कर सकती है तो तू क्यों नही?
वैसे इस शराबी ने कुछ गलत नहीं कहा ... अपनी सुप्रीम कोर्ट है ही इतनी मेहनती ... आप क्या कहते है !?
सादर आपका
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… वो शाम कुछ अज़ीब थी
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति शिवम जी ।
जवाब देंहटाएंसुंदर !!
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंआभार मित्र।
जवाब देंहटाएंbehad dilchasp buletin...
जवाब देंहटाएंbehatrin buletin ke liye dhanyvaad-
जवाब देंहटाएंsuneel kumar sajal