सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
आज हिंदी फिल्म जगत के दो महान कलाकारों की पुण्यतिथि है एक हैं महान फिल्म निर्माता- निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी और दूसरे हैं महान गायक मुकेश। हिंदी फिल्म जगत में इन दोनों ही महान शख्सियतों ने अपना अतुलनीय और सराहनीय योगदान दिया। ऋषिकेश मुखर्जी और मुकेश ने एक साथ केवल दो फिल्मों में काम किया है और वो फिल्म है अनाड़ी (1959) और आनंद(1971)। इन दोनों ही फिल्म के गाने उस दौर में काफी प्रसिद्ध हुए थे। अनाड़ी (1959) फिल्म का गीत "सब कुछ सीखा हमने" और आनंद(1971) फिल्म के दो गीत "मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने, सपने सुरीले सपने" तथा "कहीं दूर जब दिन ढल जाएँ"। अनाड़ी (1959) फिल्म के गीत "सब कुछ सीखा हमने" के लिए मुकेश जी को 1959 के सर्वश्रेष्ठ गायक का फ़िल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था। जबकि ऋषिकेश मुखर्जी जी को फिल्म आनंद(1971) के लिए सर्वश्रेष्ट कहानी और बेस्ट एडिटिंग का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला था। इन दोनों ने ही हिंदी फिल्म जगत को असीम ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर .......
हल्दीघाटी युद्ध के बाद महाराणा प्रताप के पास नहीं थी धन की कमी : टॉड ने फैलाई भ्रान्ति
मैं और मेरा ड्राईवर …
पार्कों में गाड़ियां पार्क होने लगीं, अब तो चेतो !!
पाकिस्तान को समझाने की आवश्यकता है
सूर्य की रहस्यमय दुनिया
ऐडसेंस विज्ञापन न दिखें तब क्या करें
रेड कॉर्नर नोटिस का क्या मतलब है? क्या दूसरे रंगों के नोटिस भी होते हैं?
चाय के बहाने कुछ यादें
शब्दों का मौन
यूँ नहीं मिला होता
दे भी दे बचा आधा भी बचा कर कहाँ ले जायेगा
आज की बुलेटिन में सिर्फ इतना ही। कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर … अभिनन्दन।।
ऋषिकेश मुखर्जी |
मुकेश |
आज इनकी पुण्यतिथि पर पूरा हिंदी ब्लॉग जगत और हमारी ब्लॉग बुलेटिन टीम इन्हें नमन करती है और हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर .......
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आज की बुलेटिन में सिर्फ इतना ही। कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर … अभिनन्दन।।
ऋषिकेश मुखर्जी और मुकेश अपने समय के दो महान स्तम्भों को उनकी पुण्यतिथी पर हार्दिक श्रद्धाँजलि एवम नमन । आभार 'उलूक' का हर्षवर्धन जी आज के सुंदर गुरुवारीय ब्लाग बुलेटिन में सूत्र 'दे भी दे बचा आधा भी बचा कर कहाँ ले जायेगा' को स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंऋषिकेश दा और मुकेश जी सदा ही मेरे प्रिय रहे। कॉलेज में जब भी कोई कार्यक्रम होता था तो मुकेश जी के गाने मुझसे ही गवाए जाते थे।
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि।
ऋषिकेश मुखर्जी और मुकेश जी को विनम्र नमन...बहुत रोचक बुलेटिन...मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार...
जवाब देंहटाएंऋषिकेश मुखर्जी और मुकेश जी को सादर नमन.बहुत सुन्दर बुलेटिन में मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंइन दोनॉ महान कलाकारों को नमन
जवाब देंहटाएंआभार.. नई लिंक्स का भी
हिंदी फिल्म जगत दोनों महान कलाकारों की पुण्यतिथि पर सादर श्रद्धा सुमन!
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
हिंदी फिल्म जगत के इन दोनों महान कलाकारों की पुण्यतिथि पर सादर श्रद्धा सुमन!
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति हर्ष ... आभार आपका |