प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम|
प्रणाम|
एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर रहता था, और वहीं पास एक मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि "हम तुम विवाह कर लें, तो कैसा अच्छा रहे?"
मोरनी ने पूछा, "तुम्हारे मित्र कितने है?"
मोर ने कहा, "उसका कोई मित्र नहीं है।"
तो मोरनी ने विवाह से इनकार कर दिया।
मोर सोचने लगा सुखपूर्वक रहने के लिए मित्र बनाना भी आवश्यक है।
उसने एक शेर से, एक कछुए से, और शेर के लिए शिकार का पता लगाने वाली टिटहरी से, दोस्ती कर लीं।
जब उसने यह समाचार मोरनी को सुनाया, तो वह तुरंत विवाह के लिए तैयार हो गई।
दोनों ने पेड़ पर घोंसला बनाया और उसमें अंडे दिए, और भी कितने ही पक्षी उस पेड़ पर रहते थे।
एक दिन जंगल में कुछ शिकारी आए। दिन भर कहीं शिकार न मिला तो वे उसी पेड़ की छाया में ठहर गए और सोचने लगे, पेड़ पर चढ़कर अंडे और बच्चों से भूख बुझाई जाए।
मोर दंपत्ति को भारी चिंता हुई, मोर मित्रों के पास सहायता के लिए दौड़ा।
बस फिर क्या था, टिटहरी ने जोर- जोर से चिल्लाना शुरू किया। शेर समझ गया, कोई शिकार है। वह उसी पेड़ के नीचे जा पहुँचा जहाँ शिकारी बैठे थे। इतने में कछुआ भी पानी से निकलकर बाहर आ गया।
शेर से डरकर भागते हुए शिकारियों ने कछुए को ले चलने की बात सोची। जैसे ही हाथ बढ़ाया कछुआ पानी में खिसक गया। शिकारियों के पैर दलदल में फँस गए। इतने में शेर आ पहुँचा और उन्हें ठिकाने लगा दिया।
मोरनी ने कहा, "मैंने विवाह से पूर्व मित्रों की संख्या पूछी थी, सो बात काम की निकली न, यदि मित्र न होते, तो आज हम सबकी खैर न थी।`
मित्रता सभी रिश्तों में अनोखा और आदर्श रिश्ता होता है। और मित्र किसी भी व्यक्ति की अनमोल पूँजी होते हैं। इसलिए अपने दोस्तों को न भूलें और ज्यादा से ज्यादा दोस्त बनाएँ ... हाँ बस इतना ख़्याल रखें कि मित्रता वास्तविक जीवन मे हो ... केवल फेसबुक पर नहीं |
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
मानसून और नागपंचमी का त्योहार
देवेन्द्र पाण्डेय at बेचैन आत्मानमक के खेत
अरुण चन्द्र रॉय at सरोकार
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
9 टिप्पणियाँ:
उसने मुझसे क्यों नहीं पूछ होगा? पहले मोरनी को कहानी सुनानी पड़ेगी मिश्रा जी तभी पता चलेगा :)
बढ़िया कहानी और बढ़िया बुलेटिन ।
सन्देश देती अच्छी कहानी। और हाँ..बहुत फास्ट चैनल है आपका! अभी पोस्ट लिखा अभी यहां! धन्यवाद।
सन्देश देती अच्छी कहानी। और हाँ..बहुत फास्ट चैनल है आपका! अभी पोस्ट लिखा अभी यहां! धन्यवाद।
अच्छी कहानी... अच्छे लिंक्स!
अच्छी कहानी... अच्छे लिंक्स!
सुंदर प्रस्तुति और सुंदर सभी सम्मिलित लिंक !!!
क्या गज़ब कहानी है संदेशप्रद, आज ही मोर को सुनाई जाये :)
कहानी बहुत अच्छी है |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |
आप सब का बहुत बहुत आभार |
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!