Pages

मंगलवार, 2 जून 2015

जब तक जीने की चाह हो जीते रहें




अनुभव की सीढ़ी कहें 
या वर्ष का तकाजा 
.... अपने अपने जन्मोत्सव के साथ 
हम एक वर्ष आगे बढ़ गए हैं  ....
 स्वस्थ कदम बढ़ते रहें 
जब तक जीने की चाह हो जीते रहें 
यही शुभकामना है 
यही उपहार है  … 


कुछ बीते पल, कुछ आज के लम्हें - 




8 टिप्‍पणियां:


  1. स्वस्थ है इंसान तो जीवन सार्थक वर्ना जीने की चाहत भर ..बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  2. बुलेटिन की सुंदर प्रस्तुति, शामिल करने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर लिंक संयोजन .........आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. स्वस्थ कदम बढते रहें!
    बेहतरीन!

    जवाब देंहटाएं
  5. जन्मोत्सव की ढेरों बधाइयाँ । सुंदर बुलेटिन आभारी है 'उलूक' सूत्र 'बुद्धिजीवियों के शहर में चर्चा है किताबों की का कुछ शोर हो रहा है' को बुलेटिन में स्थान दिया ।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर कड़ियों से सजी आज की बुलेटिन। आभार।।

    जवाब देंहटाएं
  7. जिजीविषा प्रबल है, जीवन को उत्सव मान बितायें।

    जवाब देंहटाएं

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!