प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
आज कोई बातचीत नहीं सिर्फ एक चित्र ... क्यों कि हर तस्वीर कुछ कहती है ...
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
प्रणाम |
आज कोई बातचीत नहीं सिर्फ एक चित्र ... क्यों कि हर तस्वीर कुछ कहती है ...
शिवम् मिश्रा
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Icecream ज़िंदगी
बरफ का गोला
पागल बुढ़िया
है कशिश ऐसी
बहेलिया और जंगल में आग
तृषित उर को पोषता सा
छदम लिखती हूँ
लो कर लो बात :-)
हिन्दुस्तान दा अक़्खिरी ढ़ाबा
भूका है भोपाल रे बाबा- कैफ भोपाली
वृंदावन के भिखारी और भिखारिनें - इनका दरद न जाने कोय
मेरा कृष्ण मुझ से रूठ गया
सफर में-आबू धाबी
प्रयास तुम्हारा
टूटे सपने
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
चित्र देखकर तो होश उड़ गये , क्या कहना सिर्फ भुगतना , शिवम भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंI.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
यात्रा पर था आज बहुत दिनों के बाद बुलेटिन पर आना हो पा रहा है । बहुत सुंदर सूत्र संयोजन ।
जवाब देंहटाएंआत्मा को भेदता, झकझोरता, रुलाता, आक्रोशित करता चित्र …
जवाब देंहटाएंkise doshi mana jaay shivam ji chitr ki kahani to badi hi dardnak hai......
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र संकलन ... मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए सादर आभार ..
जवाब देंहटाएंदिल को निचोडता चित्र। सब कुछ कहता हुुआ।
जवाब देंहटाएंपोस्टों पर जाते हैं.
sach hai chitr sabkuch bol ja raha.....achhe post....
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए माफ़ी चाहूंगी। । स्थान देने के लिए धन्यवाद … चित्र सच में दिल गहरायी तक उतरा।।। फेसबुक पर शेयर कर रही हूँ चित्र
जवाब देंहटाएंहर रंग के सूत्र सजाने के लिए शुभकामनाएं
पर्याप्त लिंक्स बहुरंगी |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
ब्लॉग बुलेटिन का एक और सटीक अंक..सचमुच चित्र शब्द से ज्यादा कह जाते हैं. आभार !
जवाब देंहटाएंचौकस बुलेटिन
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा आज का बुलेटिन बधाई ..समयचक्र की पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंचित्र बहुत कुछ साफ़ समझा देते हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति.......
The pic 'HITS' !
जवाब देंहटाएंशिवम जी,
जवाब देंहटाएंहलकी-फुल्की पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद
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