शिशु मैं' का प्रथम रुदन
माँ के शिथिल 'मैं' में
अद्भुत प्राण संचार करता है
'मैं' की अबोध भूख
माँ के 'मैं' के सीने से लगकर
शांत हो जाती है
और माँ का 'मैं'
शिशु 'मैं' की भूख मिटाकर
'मैं' का 'मैं' से अद्भुत रिश्ता
गंगा,यमुना के मध्य सरस्वती सा बहता है !
और ये रहे आज के विशेष दिन के विशेष लिंक्स - जहाँ से शुरू होती है आज की सच्चाई :)
बढ़िया प्रस्तुति बुलेटिन द्वारा , रश्मि जी व बुलेटिन को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत सुंदर दिन अपना दिन :)
जवाब देंहटाएंसच मे अद्भुत|
जवाब देंहटाएंbahut khoob - jai ho - murkh divas ki shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंसुन्दर और पठनीय सूत्र।
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