सभी चिट्ठाकार मित्रों को सादर नमस्कार।।
आज भी मैं आपके सामने नियमित बुलेटिन पेश कर पाने में असमर्थ हूँ। आजकल व्यस्त भी रहता हूँ और ब्लॉगिंग से भी दूरी बना रखी है। इसलिए आज सिर्फ कुछ महत्वपूर्ण कड़ियाँ .... सादर।।
आज कि फटफटिया बुलेटिन में बस इतना ही। कल फिर मिलेंगे।।
Ye badhiya kiya- sab ek jagah. Abhar mujhe sammalit karne ka,.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र संयोजन |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद हर्ष जी |
जवाब देंहटाएंकल भी फटफटिया बुलेटिन देखा था आज फिर से आ गया बहुत खूब और उल्लूक का सूत्र "आशा और निराशा के युद्ध का फिर एक दौर आ रहा है" भी दिखा कहीं फटफटाता हुआ :) ।
जवाब देंहटाएंआभार ।
यही बहुत है, पढ़ डालते हैं।
जवाब देंहटाएंहर्षवर्धन जी
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को श्ाामिल करने के लिये अाभार
सुन्दर सूत्र ....... धन्यवाद :)
जवाब देंहटाएंपोस्ट लिंक सहेजने के लिए आपका आभार जी
जवाब देंहटाएंअच्छा बुलेटिन ... आभार मुझे जगह देने का ...
जवाब देंहटाएंमार्च का महिना होता ही व्यस्तता भरा है ...तुम जैसे छात्रों को इम्तिहान की चिंता और हम जैसों को टार्गेट और क्लोसिंग की ... और इन सब के बावजूद नियमित बुलेटिन लगाने की कोशिश मे हम सब लगे हुये है ... साधुवाद हर्ष |
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