आदरणीय मित्रगण.... प्रणाम
कुछ समय से मैं बुलेटिन लगा पाने में असमर्थ था | इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ | अब एक नए जूनून और सोच के साथ आपके सामने हाज़िर हूँ और ये मेरा छोटा सा प्रयास आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ | आशा करता हूँ आपको मेरे विचार प्रभावित करेंगे और अपनी टिप्पणियों के माध्यम से अपनी बात, राय, सहमति, असहमति वयक्त करेंगे तो बहुत आनंद प्राप्त होगा |
आज भोले बाबा महादेव महाकालेश्वर शमशान अधिपति शिव शम्भू का जन्म दिवस है मतलब आज महाशिवरात्रि का पर्व है और दूसरी तरफ आज ही हमारे अपने शहीद-ए-आज़म महान क्रान्तिकारी अमर पूजनीय वन्दनीय पंडित चन्द्रशेखर 'आजाद' जी जिनका नाम भर सुनते ही अंग्रेज़ अफसरों की पैंट गीली हो जाती थी की ८३वीं पुण्यतिथि भी है |
वैसे अपने दिल से सोचता हूँ तो आवाज़ आती है के आज के दिन को क्यों ना 'चन्द्रशेखर दिवस' का नाम देकर एक नए रूप में याद किया जाये | आप पूछेंगे क्यों तो मैं कहूँगा कि शंकर भगवान् को भी तो इसी नाम से जाना जाता है, उनके अनेक नामों में से एक नाम ‘चन्द्रशेखर’ भी है और दूसरी तरफ पंडित जी भी तो भारत के क्रांतिकारी समूह के शिव ही थे | उनके तांडव ने अंग्रेजों और गद्दारों के दिलों में दहशत और हलचल मचा कर रख दी थी और आजादी के चाँद को वो भी अपने शीश पर लिए ही चलते थे |
लोग कहते हैं उन्हें २७ फ़रवरी, १९३१, को एक ग़द्दार की मुखबरी के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था | मैं कहता हूँ कि उन्होंने जो फैसला लिया वो सही था क्योंकि मैं 'सत्यम शिवम् सुन्दरम' और ‘सत्यमेव जयते’ में विश्वास करता हूँ और पंडितजी का शिव समान रूप सुन्दर ही नहीं उनके व्यक्तित्त्व में भी सत्य कूट कूट कर भरा था | वह भारत माता के सच्चे सपूत थे और अपने अंतिम समय तक अपने जीवन सत्य और वचन को साथ लेकर ही चलते रहे और जीवित किसी के हाथ ना आने का प्रण पूर्ण किया | वे अमर हो गए जैसे हमारे भोले बाबा अमर हैं, अजर हैं और बा-असर हैं |
ऐसे महान क्रांतिकारी, शिव सरीखे, भोले बाबा के समान दृढ़ संकल्पी, बुलंद इरादों के पक्के, क्रांति के तांडव से अंग्रेज़ों और गद्दारों के दांत खट्टे करने वाले, सत्य के मार्ग पर चलने वाले, जूनून और वादे दे पक्के, देश प्रेमी, निष्ठावान, कर्मप्रिये, सदैव अमर स्वतंत्रता सेनानी को मेरा शत शत नमन, हार्दिक श्रद्धांजलि और नत मस्तक हो प्रणाम |
आज का ये दिवस हर सूरत में 'चंद्रशेखर दिवस' कहलाने योग्य है इसलिए भारत माता के सपूत, देशभक्त, शिवांश अमर पंडित चन्द्रशेखर 'आज़ाद' और श्रृष्टि के पालन हार और महाप्रभु महादेव शिव शम्भू को मेरा कोटि कोटि नमन | जिस प्रकार शिव सदैव अजर अमर रहेंगे उसी प्रकार 'आज़ाद' का नाम भी अजर अमर रहेगा |
जय शिव शम्भू | जय महाकाल महाकालेश्वर | जयकारा वीर बजरंगी का हर हर महादेव |
आज की कड़ियाँ
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मैं सजदा करता हूँ उस जगह जहाँ कोई 'शहीद' हुआ हो - शिवम् मिश्रा
पॉपुलर संस्कृति में महादेव - अवनीश मिश्रा
चंद्रशेखर आजाद की दुर्लभ तस्वीर - मंजीत ठाकुर
शिवरात्रि का अवकाश - अनीता
चंद्रशेखर आजाद - अरविन्द गौरव
महाशिवरात्रि - गृहस्थ महिमा - गिरिजेश राव
चंद्रशेखर आजाद - अनीता शर्मा
विविधा - आना
चंद्रशेखर आज़ाद की बहन - अवनीश सिंह
प्रेम - इमरान अंसारी
अच्छे लगे - त्रिलोकी मोहन पुरोहित
अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
कुछ समय से मैं बुलेटिन लगा पाने में असमर्थ था | इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ | अब एक नए जूनून और सोच के साथ आपके सामने हाज़िर हूँ और ये मेरा छोटा सा प्रयास आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ | आशा करता हूँ आपको मेरे विचार प्रभावित करेंगे और अपनी टिप्पणियों के माध्यम से अपनी बात, राय, सहमति, असहमति वयक्त करेंगे तो बहुत आनंद प्राप्त होगा |
आज भोले बाबा महादेव महाकालेश्वर शमशान अधिपति शिव शम्भू का जन्म दिवस है मतलब आज महाशिवरात्रि का पर्व है और दूसरी तरफ आज ही हमारे अपने शहीद-ए-आज़म महान क्रान्तिकारी अमर पूजनीय वन्दनीय पंडित चन्द्रशेखर 'आजाद' जी जिनका नाम भर सुनते ही अंग्रेज़ अफसरों की पैंट गीली हो जाती थी की ८३वीं पुण्यतिथि भी है |
वैसे अपने दिल से सोचता हूँ तो आवाज़ आती है के आज के दिन को क्यों ना 'चन्द्रशेखर दिवस' का नाम देकर एक नए रूप में याद किया जाये | आप पूछेंगे क्यों तो मैं कहूँगा कि शंकर भगवान् को भी तो इसी नाम से जाना जाता है, उनके अनेक नामों में से एक नाम ‘चन्द्रशेखर’ भी है और दूसरी तरफ पंडित जी भी तो भारत के क्रांतिकारी समूह के शिव ही थे | उनके तांडव ने अंग्रेजों और गद्दारों के दिलों में दहशत और हलचल मचा कर रख दी थी और आजादी के चाँद को वो भी अपने शीश पर लिए ही चलते थे |
लोग कहते हैं उन्हें २७ फ़रवरी, १९३१, को एक ग़द्दार की मुखबरी के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था | मैं कहता हूँ कि उन्होंने जो फैसला लिया वो सही था क्योंकि मैं 'सत्यम शिवम् सुन्दरम' और ‘सत्यमेव जयते’ में विश्वास करता हूँ और पंडितजी का शिव समान रूप सुन्दर ही नहीं उनके व्यक्तित्त्व में भी सत्य कूट कूट कर भरा था | वह भारत माता के सच्चे सपूत थे और अपने अंतिम समय तक अपने जीवन सत्य और वचन को साथ लेकर ही चलते रहे और जीवित किसी के हाथ ना आने का प्रण पूर्ण किया | वे अमर हो गए जैसे हमारे भोले बाबा अमर हैं, अजर हैं और बा-असर हैं |
ऐसे महान क्रांतिकारी, शिव सरीखे, भोले बाबा के समान दृढ़ संकल्पी, बुलंद इरादों के पक्के, क्रांति के तांडव से अंग्रेज़ों और गद्दारों के दांत खट्टे करने वाले, सत्य के मार्ग पर चलने वाले, जूनून और वादे दे पक्के, देश प्रेमी, निष्ठावान, कर्मप्रिये, सदैव अमर स्वतंत्रता सेनानी को मेरा शत शत नमन, हार्दिक श्रद्धांजलि और नत मस्तक हो प्रणाम |
आज का ये दिवस हर सूरत में 'चंद्रशेखर दिवस' कहलाने योग्य है इसलिए भारत माता के सपूत, देशभक्त, शिवांश अमर पंडित चन्द्रशेखर 'आज़ाद' और श्रृष्टि के पालन हार और महाप्रभु महादेव शिव शम्भू को मेरा कोटि कोटि नमन | जिस प्रकार शिव सदैव अजर अमर रहेंगे उसी प्रकार 'आज़ाद' का नाम भी अजर अमर रहेगा |
जय शिव शम्भू | जय महाकाल महाकालेश्वर | जयकारा वीर बजरंगी का हर हर महादेव |
आज की कड़ियाँ
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मैं सजदा करता हूँ उस जगह जहाँ कोई 'शहीद' हुआ हो - शिवम् मिश्रा
पॉपुलर संस्कृति में महादेव - अवनीश मिश्रा
चंद्रशेखर आजाद की दुर्लभ तस्वीर - मंजीत ठाकुर
शिवरात्रि का अवकाश - अनीता
चंद्रशेखर आजाद - अरविन्द गौरव
महाशिवरात्रि - गृहस्थ महिमा - गिरिजेश राव
चंद्रशेखर आजाद - अनीता शर्मा
विविधा - आना
चंद्रशेखर आज़ाद की बहन - अवनीश सिंह
प्रेम - इमरान अंसारी
अच्छे लगे - त्रिलोकी मोहन पुरोहित
अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
जय श्री राम | हर हर महादेव शंभू | जय बजरंगबली महाराज
सुस्वागतम!! अच्छी बुलेटिन, अच्छा साम्य और पठनीय लिंक्स!!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सलिल दा
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की शुभकामनायें, आजाद को नमन, सुन्दर और पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंचंद्रशेखर आज़ाद को हमारे श्रध्हासुमन .......महाशिवरात्रि की शुभ कामनाएं.....
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन ......
कुछ अलग सी बुलेटिन बहुत सुंदर :)
जवाब देंहटाएंसभी लिनक्स बहुत बढ़िया हमारे ब्लॉग की पोस्ट को यहाँ शामिल करने का बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि के दिन अमर शहीद पंडित चन्द्रशेखर आज़ाद जी की पुण्यतिथि का होना एक दिव्य संयोग रहा ... और इसी दिन को अपनी वापसी के लिए चुन कर इस का भरपूर लाभ उठाया तुषार आपने ... जय हो |
जवाब देंहटाएंसार्थक बुलेटिन प्रस्तुति के लिए आभार |
सभी ब्लॉगर मित्रों का बहुत बहुत धन्यवाद और मेरा हौंसला बढ़ने के लिए आभार | कोशिश जारी रहेगी के आपको सदैव कुछ न कुछ नया देने का प्रयास करता रहूँ | शिवम् भाई आपने मुझे बुलेटिन में शामिल किया और अपने विचार सभी गुणीजन तक पहुँचाने का एक माध्यम दिया | आपका भी दिल से शुक्रिया | जय हो मंगलमय हो | हर हर महादेव |
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंतुषार जी आपकी ये रचना बहुत ही अच्छी है जिसमे हमारे क्रन्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद जी के बलिदान को प्रदर्शित किया है आप इसी प्रकार की अपनी किसी भी रचना को शब्दनगरी .. पर भी प्रेषित कर सकते हैं। .....
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