प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम |
प्रणाम |
सर्दी में लोग चटपटा खाना ज्यादा पसंद करते हैं लेकिन, कहीं ऐसा न हो
कि वसा युक्त अधिक खाना सेहत के लिए भारी पड़ जाए। विशेषकर गठिया के मरीजों
के लिए ऐसा भोजन बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे पहले कि चलना फिरना
भी मुश्किल हो जाए, सचेत हो जाएं। क्योंकि सर्दियों में गठिया की परेशानी
बढ़ जाती है।
ठंड
के मौसम में ऑस्टियो अर्थाराइटिस की परेशानी ज्यादा होती है। इसका कारण यह
है कि इस मौसम में लोग ज्यादा खाना खाते हैं और घी, तेल, व वसा युक्त
भोजन का इस्तेमाल अधिक करते हैं। ठंड के कारण लोग व्यायाम नहीं करते। अधिक
खाने व व्यायाम नहीं करने से शरीर का वजन बढ़ जाता है। इस कारण गठिया के
मरीजों का शरीर अकड़ने लगता है।
इसके अलावा इस बीमारी का कारण विटामिन डी
की कमी है। सर्दी में धूप कम निकलने से शरीर को पर्याप्त विटामिन डी नहीं
मिल पाता। इस वजह से गठिया की परेशानी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि जिन
लोगों में विटामिन डी की कमी हो वे विटामिन डी की दवा ले सकते हैं। अक्सर यह बीमारी घुटने में होती है। इसके कारण घुटना में सूजन व तेज
दर्द होता है। गठिया देश में एक सामान्य बीमारी है। देश की करीब 20 फीसद
जनसंख्या इस बीमारी से ग्रसित है। करीब 4.60 करोड़ लोगों को घुटने की गठिया
है।
अगर आप मे से कोई इस बीमारी से पीड़ित है तो इन सर्दियों मे नियमित रूप से थोड़ी बहुत कसरत करें और अपने खानपान पर ध्यान दें साथ साथ डाक्टर से परामर्श ले कर जरूरी विटामिन भी लें |
सादर आपका
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तनहाई
मैं बंदिनी .....
अनाडी बन के आता,खिलाड़ी बन के जाता है
वफ़ा के नाम से डरते हैं ..
उम्र के आखिरी पन्ने पर ....
शुभ नववर्ष
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काश ! दिल की आवाज़ होती तो
बेगैरत सा यह समाज . . . . .
केजरीवाल को फ़िल्मी शहीद बनाता हिन्दू रक्षा दल.
आजाद भारत में कब तक विस्थापित रहेंगे महाराणा प्रताप ?
व्यक्ति पूजा की पराकाष्ठा !!!
आम आदमी तो बेचारा ही रहेगा.......
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
बढ़िया बुलेटिन ...
जवाब देंहटाएंगठिया और इस कडाके की सर्दी का रिश्ता और इस रिश्ते से बचने का उपाय भी, वाह । इस बात का धन्यवाद तो करना ही होगा। व्यायाम का ख्याल तो हम भी रख ही रहे हैं।
जवाब देंहटाएंबुलेटिन के चिठ्टों को देखते हैं। मेरी रचना को स्थान देने का आभार।
मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए धन्यवाद।साथ ही अच्छी रचनायें पढने को मिली उसके लिए आभार।
जवाब देंहटाएंवैसे समझदार लोग बताते हैं कि घुटने में १०-१२ मिनट देसी घी से मालिश करने से भी बहुत लाभ होता है. ३ साल पहले ऐसी ही सर्दी में मेरे तो कंधे जाम हो गए थे. एक्यूप्रेशर से सही हो पाए थे.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बुलेटिन !
जवाब देंहटाएंविटामिन डी - लगता है मुझमें बहुत कम है, क्योंकि यहाँ ठण्ड नहीं और घुटने में दर्द
जवाब देंहटाएंहम तो हाथ के घुटने याने कोहनी की दर्द से सालों भर बेचैन रहते हैं.. इन फ़ैक्ट दोनों में कम्पीटीशन लगा हुआ है.. दर्द कहता है कि हमको हरा के दम लेगा और हम बेशरम कहते हैं
जवाब देंहटाएंअभी वर्मा ने हार मानी नहीं है,
सलिल को अभी आजमाना न छोड़!!
लिंक्स के लिये देर हो गयी है.. इत्मिनान से देखता हूँ.. छुट्टी पर जा रहा हूँ, तो कुछ काम निपटा लूँ.. तमाम लोगों से क्षमा याचना सहित!!
बहुत सुंदर बुलेटिन.
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
सार्थक एवँ रोचक सूत्रों से सुसज्जित बुलेटिन ! मेरी रचना को भी इसमें सम्मिलित किया ! आभारी हूँ !
जवाब देंहटाएंअरे ! हमारे यहाँ तो ठण्ड का ये आलम कि टेम्प्रेचर सिर्फ -४५ डिग्री हैं.…घर के बाहर बर्फ़ तो जैसे पत्थर हो गए हैं :)
जवाब देंहटाएंघुटना-उटना तो फिलहाल ठीक है, लेकिन अब दिल्ली दूर भी नहीं :)
अच्छे लिंक्स मिले हैं, देखते हैं ।
मुझे शामिल करने के योग्य समझा उसके लिए अनेकोनेक धन्यवाद !
ठंड तो नाजो नखरा दिखा ही रही है। यहाँ आना सार्थक हुआ । आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे और पठनीय सूत्रों के साथ झरोखा को भी सम्मिलित किया .... धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंउड़ी बाबा ... विटामिन डी की कमी तो यहाँ परमानेंट है... बाकी ध्यान भी रखना पड़ेगा.
जवाब देंहटाएंसार्थक बुलेटिन.
बढ़िया बुलेटिन भाई
जवाब देंहटाएंACHCHHI JAANKAARR .DHANYVAAD. PAATHAK JARUR LABHAANVIT HONGE. PUNAH DHANVAAD..
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन ... मेरी रचना को भी इसमें सम्मिलित किया ! आभारी शिवम् जी..
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन और विटामिन डी का सेवन भी जारी है ...........आजकल ये बीमारी कम उम्र के लोगों में भी बढ़ रही है ..........
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार |
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक संयोजन एवं प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारी।
जवाब देंहटाएंबहुत काम की जानकारी..आभार !
जवाब देंहटाएंDhanyawaad
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