प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
अब आप इस पर विचार करो ... मैं चला आज की बुलेटिन लगाने |
सादर आपका
शिवम मिश्रा
प्रणाम |
आज आप को एक पति पत्नी के बीच का संवाद पढ़वाने जा रहा हूँ ... पर पहले ही बता दूँ जो यह संवाद आप को कुछ जाना पहचाना सा लगे तो मात्र संयोग ही होगा |
पत्नी: खाने में क्या बनाऊं?
पति: कुछ भी बना लो, क्या बनाओगी?
पत्नी: जो आप कहो?
पति: दाल चावल बना लो।
पत्नी: सुबह ही तो खाये थे।
पति: तो रोटी सब्जी बना लो।
पत्नी: बच्चे नहीं खायेंगे।
पति: तो छोले पूरी बना लो।
पत्नी: मुझे तली हुई चीज़ें भारी लगती हैं।
पति: अंडे की भुर्जी बना लो।
पत्नी: आज वीरवार है।
पति: परांठे?
पत्नी: रात को परांठे नहीं खाने चाहिए।
पति: होटल से मंगवा लेते हैं।
पत्नी: रोज-रोज बाहर का नहीं खाना चाहिए।
पति: कढ़ी चावल?
पत्नी: दही नहीं है।
पति: इडली सांभर?
पत्नी: समय लगेगा, पहले बोलना था।
पति: एक काम करो मैग्गी बना लो।
पत्नी: पेट नहीं भरता मैग्गी से।
पति: तो फिर क्या बनाओगी?
पत्नी: जो आप बोलो।
अब आप इस पर विचार करो ... मैं चला आज की बुलेटिन लगाने |
सादर आपका
शिवम मिश्रा
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कभी जीवन में अपने कुछ दुखद से पल भी आते हैं
आगे बढ़ने में पीछे छूटा जीवन
मदर ऑफ़ पी आ ई एल
बच्चों के खातिर
टीवी-बीवी भाषण-राशन
मन मैला तो कौन खुदा
गोला कबूतर 'गोलू' हो गया!
ममता की छाँव
बस एक पल
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
बहुत सुन्दर बुलेटिन...
जवाब देंहटाएंbadhiya links hain .
जवाब देंहटाएंबड़ी फ़रमाबर्दार बीबी मिली है भाई:)
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स हैं......
जवाब देंहटाएं:-) और घर पर खाना तुम्हारी पसंद का ही बनता होगा न???
सस्नेह
अनु
धन्यवाद हमारी पोस्ट को जगह देने के लिये, अब रोज ही आने की कोशिश करेंगे
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्र संकलित किये हैं
जवाब देंहटाएंबहुत समझदार वैसे ही होती हैं बीबियाँ ! ये और ज्यादा निकली :)
जवाब देंहटाएंसुंदर बुलेटिन !
बहुत सुन्दर बुलेटिन...मेरी पोस्ट को जगह देने के लिये आभार
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपको ये जानकर अत्यधिक प्रसन्नता होगी की ब्लॉग जगत में एक नया ब्लॉग शुरू हुआ है। जिसका नाम It happens...(Lalit Chahar) है। जिसमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। सादर ..... आभार।।
जवाब देंहटाएंचुटकुला नहीं , हकीकत है। पति को समझ लेना चाहिए कि आज खाना बाहर खाना है.
जवाब देंहटाएंलिंक्स पढ़ कर बताते हैं :)
badhiya ..to fir aaj kya pakega ...jo aap kaho ....?
जवाब देंहटाएं'आनंद की यादें' को ब्लॉग बुलेटिन में स्थान देने के लिए धन्यवाद।
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