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बुधवार, 29 जनवरी 2014

बीटिंग द रिट्रीट २०१४ ऑन ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम |

आज दिल्ली के विजय चौक पर हुये 'बीटिंग द रिट्रीट' के साथ ही इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया !
बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के पश्चात हर वर्ष 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। समारोह का स्थल रायसीना हिल्स और बगल का चौकोर स्थल (विजय चौक) होता है जो की राजपथ के अंत में राष्ट्रपति भवन के उत्तर और दक्षिण ब्लॉक द्वारा घिरे हुए हैं। बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन घोषित करता है। सभी महत्‍वपूर्ण सरकारी भवनों को 26 जनवरी से 29 जनवरी के बीच रोशनी से सुंदरता पूर्वक सजाया जाता है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को अर्थात गणतंत्र दिवस के बाद अर्थात गणतंत्र की तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट आयोजन किया जाता है। यह आयोजन तीन सेनाओं के एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड वादन से आरंभ होता है जो लोकप्रिय मार्चिंग धुनें बजाते हैं। ड्रमर भी एकल प्रदर्शन (जिसे ड्रमर्स कॉल कहते हैं) करते हैं। ड्रमर्स द्वारा एबाइडिड विद मी (यह महात्मा गाँधी की प्रिय धुनों में से एक कहीं जाती है) बजाई जाती है और ट्युबुलर घंटियों द्वारा चाइम्‍स बजाई जाती हैं, जो काफ़ी दूरी पर रखी होती हैं और इससे एक मनमोहक दृश्‍य बनता है। इसके बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है, जब बैंड मास्‍टर राष्‍ट्रपति के समीप जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं। तब सूचित किया जाता है कि समापन समारोह पूरा हो गया है। बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन सारे जहाँ से अच्‍छा बजाते हैं। ठीक शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्‍ट्रीय ध्‍वज को उतार लिया जाता हैं तथा राष्‍ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता हैं।
वर्ष 1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम को अब तक दो बार रद्द करना पड़ा है, 27 जनवरी 2009 को वेंकटरमन का लंबी बीमारी के बाद आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो जाने के कारण बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। वह देश के आठवें राष्ट्रपति थे और उनका कार्यकाल 1987 से 1992 तक रहा। इससे पहले 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।
आज शाम को हुये इस कार्यक्रम को नीचे दिये वीडियो पर देख सकते है ... यह वीडियो दूरदर्शन के यू ट्यूब चैनल से लिया गया है ... इस साल भी दूरदर्शन ने पिछले सालों की तरह यू ट्यूब पर बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का सीधा प्रसारण  किया था !

आइये अब आपको ले चलता हूँ आज की बुलेटिन की ओर ...

सादर आपका

शिवम मिश्रा
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शहीदों को नमन


sadhana vaid at Sudhinama
 

कितने संविधान हैं हमारे देश के ?


varsha at likh dala 

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर सूत्र ! सुंदर बुलेटिन !

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  2. सुंदर सार्थक बुलेटिन ....!!बढ़िया लिंक्स .

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  3. बेहद रोचक और काम की कड़ियाँ। ज्ञानदायी और विशेष बुलेटिन है आज की .… सादर धन्यवाद।।

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  4. वाह बहुत ही सुन्दर बुलेटिन ।

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  5. वाह बहुत ही सुन्दर बुलेटिन ।

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  6. बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम बहुत ही भव्य एवँ मनोहारी होता है जो सभी दर्शकों को देशप्रेम की भावना से भर देता है ! आज के बुलेटिन में मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिये धन्यवाद !

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  7. sarthak buletin,khubsurat pic or suthare aapke links....achhe lagen....

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  8. सुंदर बुलेटिन
    अच्छी जानकारी
    खुद को देख कर अच्छा तो लगेगा ही :)

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  9. अच्छी चर्चा अच्छे सूत्र। गणतंत्र दिवस के समापन समारोह की तस्वीरें बहुत सुंदर।

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  10. गौरव के सुन्दर चित्र, साहित्य के सुन्दर सूत्र।

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