प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम !
प्रणाम !
जब कोई बच्चा पैदा होता है तो सारे खानदान वाले उसे देखने आते हैं।
बच्चे का बाप बेटे को गोद में उठा के बोलता है,"मेरे बेटे का चेहरा तो मेरे पे गया है।"
माँ प्यार से देखकर बोलती है,"इसकी आँखें मेरे पे गई हैं।"
बच्चे का मामा देखकर बोलता है,"इसके हाथ पांव तो बिलकुल मेरे पे गए हैं।"
चाचा भी देखता है और बोलता है,"अरे इसकी मुस्कुराहट तो बिलकुल मेरे जैसी है।"
फिर जब वही बच्चा बड़ा होकर कोई गलत काम करता है तो सारे खानदान वाले कहते हैं,"पता नहीं ये कमबख्त किस पे गया है?"
बच्चे का बाप बेटे को गोद में उठा के बोलता है,"मेरे बेटे का चेहरा तो मेरे पे गया है।"
माँ प्यार से देखकर बोलती है,"इसकी आँखें मेरे पे गई हैं।"
बच्चे का मामा देखकर बोलता है,"इसके हाथ पांव तो बिलकुल मेरे पे गए हैं।"
चाचा भी देखता है और बोलता है,"अरे इसकी मुस्कुराहट तो बिलकुल मेरे जैसी है।"
फिर जब वही बच्चा बड़ा होकर कोई गलत काम करता है तो सारे खानदान वाले कहते हैं,"पता नहीं ये कमबख्त किस पे गया है?"
अब ऐसे मे बच्चा बेचारा क्या करें ... आप बताएं !?
सादर आपका
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बेचैनी ....
मिटटी की गुडिया
हमने कितना प्यार किया था.
an idea can change a lot
एक सपने का लोचा लफड़ा…
पर बैठा रहा सिरहाने पर....
421. ज़िन्दगी
वेधशाला
191. पंछी गीत सुनाएँ...(माहिया)
कशमकश
धन का देवता या रक्षक
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
ब्लॉग बुलेटिन ज़िंदाबाद.... :)
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा लिंक संयोजन ..! मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए शुक्रिया ...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: हमने कितना प्यार किया था.
बहुत सुंदर प्रस्तुति एवं उम्दा लिंक्स.बच्चे के बहाने ही सही ,सवाल तो लाजिमी है.
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट 'धन का देवता या रक्षक' को शामिल करने के लिए आभार.
धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंachchhe links....
जवाब देंहटाएंअच्छे सूत्र..
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन सुंदर संयोजन !
जवाब देंहटाएंकडियों का सुंदर चुनाव।
जवाब देंहटाएंबेचारे बच्चे ....
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन
Bahut badhiya
जवाब देंहटाएंDhanywaad !
उम्दा लिनक्स .मेरी रचना को सम्मान देने के लिय शुक्रिया
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार !
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