प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम !
प्रणाम !
आज हरदिल अज़ीज़ शायर जनाब निदा फ़ाज़ली साहब का जन्मदिन है ... इस मौके पर पेश है उनकी एक बेहद उम्दा रचना !
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
'घर' (चार शब्द चित्र।)
एक आत्मकेंद्रित व्यक्ति के तस्वीरिया बयान
कार्टून :- रावण अब तुम जाओ रे...
हरी नारी
कानपुर से बंगलोर
जन्मदिन के बहाने
एक व्यंग (मंहगाई )
हमारे अन्दर के रावण ...
ये सांकले नियति है जो टूट कर भी जकड़े है उसे !!
गिरह , गांठे
गुब्बारों के फूटने में सुनाई दी बच्चे की हँसी
8 टिप्पणियाँ:
निदा साहेव को जन्म दिन पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार शिवम् जी
बहुत ही सुन्दर सूत्र
धन्यवाद ब्लाग बुलेटिन
बहुत ही सुन्दर सूत्र,आपको विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ, माँ दुर्गा जी आपकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करें।
सुंदर संयोजन !
ये बहुत अच्छा लगा कि एक बहुत बड़े शायर के साथ हमारी पोस्ट का लिंक आया है..
आपको साधुवाद
आप सब का बहुत बहुत आभार !
shukriyaa Shivam ji meri rachna ko yaha sthaan dene ka
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