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रविवार, 1 सितंबर 2013

वन लाइनर एक्सप्रेसिया बुलेटिन




आइए पहले आसपास के ताज़ा हालात आपको कुछ पंक्तियों में सुनाते बताते हैं । हां भई किसके पास फ़ुर्सत है पूरी गाथा पढके अपना माथा खराब करे । हम भी नहीं पढवाएंगे जबरिया जी , लीजीए छोटे छोटे तीरों में ही काम हो जाएगा। जैसे कि ये


"खडी खबड : हमने देश का अर्थशास्त्र बदल दिया है : कांग्रेस के मंत्री आर पी एन सिंह
अरे सर अर्थशास्त्र ही क्यों आपने तो "अर्थशास्त्री" तक को बदल दिया , अब उसे सब "चोर" कहते हैं

खडी खबड : फ़ंड के दुरूपयोग के लिए कल दिल्ली की एक जिला अदालत ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज़ कराने के आदेश दिए
मीडिया वालों अबे अब बाबा को छोडो और बाबी की ओर प्रस्थान करो पार्थ

खडी खबड : जेल नहीं जाउंगा , जेल जाने से अपवित्र हो जाउंगा : झांसाराम
बुलाओ रे अजय देवगण को "गंगाजल" से सब पबित्तर कर डालेंगे

खडी खबड : झांसाराम की गिरफ़्तारी से सरकार को बडी सफ़लता मिली
उसने चुप्पे से डीजल पेट्रोल के दाम बढा दिए मज़े मज़े में

खडी खबड : विराट कोहली को दिया जाएगा अर्जुन पुरस्कार
खबड सुनकर श्रीसंत ने मांग की है कि उन्हें "दुर्योधन पुरस्कार" दिया जाए



चलिए अब आपको आज की पोस्टों की सैर कराई जाए


भेड चलती भेड जैसी : लगती खेत की मेड जैसी :)


क्यों आते हो : पोस्ट पढने के लिए , और क्यों :)


फ़ेसबुक पर इंटेलेक्चुअल कैसे दिखें : पोस्ट पढें और ऐसे दिखें :)


बाबा का साक्षात्कार ...सिर्फ़ इस चैनल पर : अजी पिछले सात दिनों से हर चैनल पर :)


ये  भी एक वक्त है : जब प्याज़ सेब से ज्यादा महंगा है :)


संकट नहीं हमारी अकुशलता है : इसी का परिणाम तो ये विफ़लता है :)


तुम्हारी नाक का तिल : तुम्हारे गाल के तिल से ज्यादा काला कैसे :)






खिसियानी बिल्ली खंबा नोच रही है : पब्लिक उस खंबे के नीचे खडी कुछ सोच रही है


डर नहीं लगता आपको : नहीं जी , फ़ीयर फ़ाइल्स देख कर तो कतई नहीं लगता :)


रैड लाइट : जंप करते ही चालान कटेगा :)


लिखने की कोई वजह नहीं , बस यूं ही बेवजह : पहले पढ पोस्ट फ़िर कुछ कह :)


आइए जानते हैं पानी में भीगे लैपटॉप को कैसे सुखाएं : भिगाना कैसे है पहले ये तो बताएं :)




हाल ए दिल : सुनाना मुश्किल :)


दो सपनों की खराब सी भूमिका : से चकाचक तैयार की गई पोस्ट


दो और दो पांच में एम ए शर्मा "सेहर" : ताऊ की सीरीज़ ढाती रहे कहर :)


भारतीय सच : कडवा कडवा , तीखा तीखा :)


रेतीले रिश्ते : रिश्ते ही रिश्ते , एक बार मिल तो लें :)


महंगाई से बेफ़िक्र विपक्ष : और महंगाई को बढाता सत्ता पक्ष


आज के लिए इतना ही , कल फ़िर मिलेंगे कुछ नए पोस्ट सूत्रों के साथ

तब तक अपना ख्याल रखिए , खूब पढिए , खूब लिखिए और हां खूब टीपीए भी

13 टिप्‍पणियां:

  1. अब एक लाइना के मामले मे हाल फिलहाल आप का कोई हाथ पकड़ने वाला नहीं है ... जय हो महाराज ... बस ऐसे ही जमाये रहिए !

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  2. अजय जी आमंत्रण का शुक्रिया.......

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  3. हा हा हा..भेड़ चलती भेड़ जैसी चुटकी लेने का आपका अंदाज निराला होता है। बनारसी लोग ऐसे लोगों को खास पसंद करते हैं। आपको मेरी पोस्ट अच्छी लगी और आपने यहाँ स्थान दिया इसके लिए धन्यवाद।
    दूसरे लिंक पर जाता हूँ देखें और क्या पसंह है आपको...

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  4. वन लाइनर - बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

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  5. वाह ये भी मनोरंजक फ़टाफ़ट स्टाईल है, मजेदार.

    रामराम.

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  6. बढ़िया प्रस्तुति-
    आभार आपका-

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