आदरणीय ब्लॉगर मित्रों,
लो आ गया आज का फटफटिया बुलेटिन कुछ चुटकुलों के साथ |
वो बोले “महफिल में कहीं हमारे जूते खो गए अब हम घर कैसे जाएंगे?”
हमने कहा “आप शायरी शुरू कर दीजिए इतने आएंगे कि फिर गिन भी नहीं पाएंगे”
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एक लड़का रास्ते में चलते-चलते ठोकर खाकर गधे के सामने गिर गया
उसी वक्त वहां से एक लड़की गुजर रही थी, उसने लड़के को छेड़ते हुए कहा: अपने बड़े भाई का आशीर्वाद ले रहे हो क्या ?
लड़के ने जवाब दिया, आपने सही फरमाया भाभी जी
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संता शराब पीकर लौटा, और घर का ताला खोलने लगा, लेकिन हाथ कांपने की वजह से खोल नहीं पा रहा था
बंता : ला दे यार, ताला मैं खोल देता हूं
संता: ताला मैं खोल लूंगा, तू सिर्फ मकान पकड़ ले
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पत्नी : आपको पता है, आपका दोस्त एक पागल लड़की से शादी करने जा रहा है
पति : तो मैं क्या करूं
पत्नी : अरे, आप उसे रोकेंगे नहीं?
पति : क्यों रोकूं? उस साले ने मुझे रोका था क्या?
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संता : एक आदमी गंजा है फिर भी रोज सलून जाता है ...
बंता : क्यों ?
संता : क्योंकि सलून उसी का है !
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एक चोर चोरी करने के इरादे से एक घर में घुसा, तिजोरी तोड़ने से पहले उसने देखा की उस पर कुछ लिखा हुआ था
सूचना :
तिजोरी तोड़ने की कोई ज़रूरत नहीं हे, इस खोलने के लिए ४२५ नंबर दबाएँ और सामने लगा लाल बटन दबा दें। चोर बडा खुश हुआ, उसने वैसा ही किया। इससे तिजोरी तो नहीं खुली उल्टे अलार्म बजने लगा, कुछ देर में पुलिस आ धमकी। जब पुलिस चोर को ले जा रही थी
तो उसने बड़ी हताशा से कहा : आज इंसानियत से मेरा विश्वास उठ गया।
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आज की कड़ियाँ
हाइकू - विभा रानी श्रीवास्तव
गरीब की लड़की - दीपिका रानी
तेरे प्रताप से...! - प्रवीण पाण्डेय
अजेय नहीं है चीन - ब्रजकिशोर सिंह
तो शब्दों के समूह पंक्तिबद्ध न होते - दिव्या शुक्ला
किनारे - रंजना भाटिया
अगर अपना समझते हो तो फिर नखरे दिखाओ मत - नवीन
सच...दर्द की इन्तेहा...चाँद को भी ज़र्द कर सकती है - अपर्णा खरे
हक़ खुशियों पे सबका - ज्योति-कलश
मन पर चाबुक मार, आज रविकर को हांको - रविकर
नाकारा हुक्मरान - उदय
अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
लो आ गया आज का फटफटिया बुलेटिन कुछ चुटकुलों के साथ |
वो बोले “महफिल में कहीं हमारे जूते खो गए अब हम घर कैसे जाएंगे?”
हमने कहा “आप शायरी शुरू कर दीजिए इतने आएंगे कि फिर गिन भी नहीं पाएंगे”
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एक लड़का रास्ते में चलते-चलते ठोकर खाकर गधे के सामने गिर गया
उसी वक्त वहां से एक लड़की गुजर रही थी, उसने लड़के को छेड़ते हुए कहा: अपने बड़े भाई का आशीर्वाद ले रहे हो क्या ?
लड़के ने जवाब दिया, आपने सही फरमाया भाभी जी
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संता शराब पीकर लौटा, और घर का ताला खोलने लगा, लेकिन हाथ कांपने की वजह से खोल नहीं पा रहा था
बंता : ला दे यार, ताला मैं खोल देता हूं
संता: ताला मैं खोल लूंगा, तू सिर्फ मकान पकड़ ले
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पत्नी : आपको पता है, आपका दोस्त एक पागल लड़की से शादी करने जा रहा है
पति : तो मैं क्या करूं
पत्नी : अरे, आप उसे रोकेंगे नहीं?
पति : क्यों रोकूं? उस साले ने मुझे रोका था क्या?
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संता : एक आदमी गंजा है फिर भी रोज सलून जाता है ...
बंता : क्यों ?
संता : क्योंकि सलून उसी का है !
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एक चोर चोरी करने के इरादे से एक घर में घुसा, तिजोरी तोड़ने से पहले उसने देखा की उस पर कुछ लिखा हुआ था
सूचना :
तिजोरी तोड़ने की कोई ज़रूरत नहीं हे, इस खोलने के लिए ४२५ नंबर दबाएँ और सामने लगा लाल बटन दबा दें। चोर बडा खुश हुआ, उसने वैसा ही किया। इससे तिजोरी तो नहीं खुली उल्टे अलार्म बजने लगा, कुछ देर में पुलिस आ धमकी। जब पुलिस चोर को ले जा रही थी
तो उसने बड़ी हताशा से कहा : आज इंसानियत से मेरा विश्वास उठ गया।
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आज की कड़ियाँ
हाइकू - विभा रानी श्रीवास्तव
गरीब की लड़की - दीपिका रानी
तेरे प्रताप से...! - प्रवीण पाण्डेय
अजेय नहीं है चीन - ब्रजकिशोर सिंह
तो शब्दों के समूह पंक्तिबद्ध न होते - दिव्या शुक्ला
किनारे - रंजना भाटिया
अगर अपना समझते हो तो फिर नखरे दिखाओ मत - नवीन
सच...दर्द की इन्तेहा...चाँद को भी ज़र्द कर सकती है - अपर्णा खरे
हक़ खुशियों पे सबका - ज्योति-कलश
मन पर चाबुक मार, आज रविकर को हांको - रविकर
नाकारा हुक्मरान - उदय
अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
जय श्री राम | हर हर महादेव शंभू | जय बजरंगबली महाराज
सुन्दर सूत्र
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन...
जवाब देंहटाएंफटाफट पढ़ डाला...
शुक्रिया
अनु
बहुत सुंदर लिंक्स ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : पाँच( दोहे )
हँसते-हँसते पेट में बल पड़ रहे
जवाब देंहटाएंयूं फटाफट गई यूं फटफट आती हूँ
सब लिंक पढ़ कर आई तो बताती हूँ
हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} पर किसी भी प्रकार की चर्चा आमंत्रित है ये एक सामूहिक ब्लॉग है। कोई भी इनका चर्चाकार बन सकता है। हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल का उदेश्य कम फोलोवर्स से जूझ रहे ब्लॉग्स का प्रचार करना एवं उन पर चर्चा करना। यहॉ भी आमंत्रित हैं। आप techeduhub@gmail.com पर मेल भेजकर इसके सदस्य बन सकते हैं। प्रत्येक चर्चाकार का हृद्य से स्वागत है। सादर...ललित चाहार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंक्स ,,,
जवाब देंहटाएंजय हो महाराज बहुत खूब ... वैसे सुना है लोकसभा मे भी लतिफ़ेबाजी हुई है .... ;)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संयोजन ....
जवाब देंहटाएंमेरी पंक्तियों को भी स्थान देने के लिए बहुत आभार आपका |
सादर !!
Had a real hearty laugh!!
जवाब देंहटाएंVinnie