प्रिये मित्रों प्रणाम,
लो जी आज फिर आ गया शनिवार का दिवस | तो क्या कहते हैं करने चलें कलयुगी शनिदेव को प्रसन्न ? सप्ताह का अंतिम दिवस है और सबसे चहेता भी | इस दिन लोगों में उत्साह भरपूर होता है | कल फिर रविवार है तो फ़िक्र कैसी | आज तो जम के मस्ती करते हैं और कल घोड़े-गधे सब बेच कर पलंग तोड़ते हैं | शनिवार का इंतज़ार हफ्ते के पहले दिन सोमवार से रहता है | अनगिनत योजनायें बनाई जाती हैं आज के दिन के लिए जैसे कोई फिल्म देखने जायेगा, कोई माशूका से मिलके आएगा, कोई दारू में डूब जायेगा तो कोई टीवी में घुस जायेगा...कुछ खान पान के शौक़ीन हैं तो कुछ परिवार संग मस्ती में लीन हैं |
आज के दिन लोग शनि मंदिर भी जाते हैं | साढ़े-साती दूर भगाने के लिए जनाब शनिदेव को मनाते हैं | अगर शनि देव मान गए तो बल्ले बल्ले नहीं तो भाई फिरते रहो लेकर उनकी कुदृष्टि का बोझ कल्ले-कल्ले | कुछ लोग तो बजरंगबली को भी प्रसाद चढ़ाते हैं | वैसे तो ये भी कहा जाता है के जो बजरंगबली के भक्त होते हैं उनसे शनि देव ज़रा दूर ही रहते हैं | वाह! पुराने लोगों ने बड़ी ही मजेदार बातें कहीं हैं और तर्क के साथ सटीकता भी हैं | हर बात के पीछे प्रमाण होता है | मानो शनिदेव पाकिस्तान हो गए और अपने हनुमान जी हिन्दुस्तान | जहाँ पड़ी पाकिस्तान की बुरी नज़र हिन्दुस्तानी जनता पर निकल पड़े पवनपुत्र बेड़ा पार करने अपने भक्त का |
मेरा तो ऐसा मानना है के इस देश में सभी वर्ग, मान्यता और सोच के लोग हैं | आस्तिक-नास्तिक, अमीर गरीब, छोटे बड़े आदि पर सबसे अच्छी बात यह है कि ज़्यादातर लोगों को शनिवार के दिन का उपयोग छुट्टी मनाने के लिए करने मैं अत्यंत आनंद आता है | मुझे ऐसा लगता है के हम युवाओं को छुट्टी मानाने की जगह कुछ सामाजिक कार्यों में भागीदारी करनी चाहियें और जनता की मदद करनी चाहियें | अपने अपने गली मोहल्ले और क्षेत्र में किसी न किसी छोटे बड़े मुद्दे पर काम करना चाहियें | परेशानियों को देखना चाहियें | सरकारी योजनाओं को समझ कर उनका लाभ जनता को दिलवाना चाहियें | ज़रुरात्मंदो की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहियें | अन्याय से लड़ना चाहियें | गरीबों की मदद करनी चाहियें | समाज का कल्याण करना चाहियें | सिर्फ सोने या छुट्टी मनाने से देश आगे नहीं बढ़ेगा | देश में विकास करने के लिए जागरूक हो कर युवा को ही कदम आगे बढ़ाना होगा |
तो मेरी सिर्फ इतनी गुज़ारिश है कि सामाजिक कल्याण में अपना योगदान देने के बारे में ज़रूर सोचें | लोगों के विकास से देश का विकास संभव है | कुछ सकारात्मक करने से शनिदेव और बजरंगबली दोनों ही प्रसन्न होंगे और उनकी अनुकम्पा सभी पर बरसती रहेगी | इस विषय में कृपया सोचें और .... आज के शनिवार का आनंद उठायें |
आज की कड़ियाँ
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अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
जय श्री राम | हर हर महादेव शंभू | जय बजरंगबली महाराज
सुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत और लाजवाब संकलन
जवाब देंहटाएंsakaaraatmak soch se hi nij utthaan aur saamaajik utthaan hai preranaaprad lekh
जवाब देंहटाएंयुवाओं को छुट्टी मनाने की जगह कुछ सामाजिक कार्यों में भागीदारी करनी चाहिये और जनता की मदद करनी चाहिये |
अपने अपने गली मोहल्ले और क्षेत्र में किसी न किसी छोटे बड़े मुद्दे पर काम करना चाहिये | परेशानियों को देखना चाहिये |
सरकारी योजनाओं को समझ कर उनका लाभ जनता को दिलवाना चाहिये |
ज़रूरतमंदो की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिये |
अन्याय से लड़ना चाहिये |
गरीबों की मदद करनी चाहिये |
समाज का कल्याण करना चाहिये |
...सोने या छुट्टी मनाने से देश आगे नहीं बढ़ेगा | देश में विकास करने के लिए जागरूक हो कर युवा को ही कदम आगे बढ़ाना होगा |
तो मेरी सिर्फ इतनी गुज़ारिश है कि सामाजिक कल्याण में अपना योगदान देने के बारे में ज़रूर सोचें |
वाह ! अब धरती जन्नत बनने ही वाली है...
:)
आदरणीय तुषार राज रस्तोगी जी
बहुत सुंदर विचार हैं ,नमन आपको !
काश ! सब आप जैसे हो जाएं...
♥ शस्वरं ♥ को यहां स्थान देने के लिए हार्दिक आभार !
...शुभकामनाओं सहित
-राजेन्द्र स्वर्णकार
हास्य रस वाले लिंक्स आपने खूब मेहनत से लगाये हैं। अपन तो रविकर जी में भी स्थान बना पाये हैं। ...डबल धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब तुषार भाई ... जय हो !
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र देने के लिए बहुत बहुत बधाई...तुसार जी,,,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना,,,
RECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.
तुषार जी सादर वन्दे!
जवाब देंहटाएंआप द्वारा संयोजित ये तमाम सूत्र किसी 'माला में गुंथे गेंदे के गुल' हो जैसे...