इन दिनों फिल्मे बहुत देखीं. लेकिन ज़िन्दगी फिल्मों से कहीं ज़्यादा थ्रिल्लिंग
होती है. किसे यकीन होगा कि एक शख्स हवाई जहाज में बैठा है और हवाई-जहाज में उड़ते
समय आग लग जाती है. उसे हस्पताल में थर्ड डिग्री बर्न के ईलाज के लिये भरती किया
जाता है. वहाँ उसकी मौत हो जाती है और तीन दिन बाद उसके शरीर को अग्नि को समर्पित
कर दिया जाता है. शव-दाह गृह के कामगारों को भी नहीं पता कि वह किसका शरीर था.
शरीर पर से कम्बल तक नहीं हटाया जाता. जब मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है तो
उसमें मृत्यु का कारण “दिल का दौरा” बताया गया. और कहानी
यहीं खत्म नहीं होती. 43 साल बाद उन्ही डॉक्टर के दस्तख़त किये मृत्यु प्रमाण-पत्र सार्वजनिक
किये जाते हैं जिसमें बताया जाता है कि जिस आदमी की 43 साल पहले मौत हुई थी वह
आदमी “काटा काना” था और मौत का कारण
थर्ड डिग्री बर्न था.
मौत की एक ऐसी गहरी गुत्थी जिसमें मौत की वज़ह, मौत की जगह, मौत के हालात और
ख़ुद मौत एक ऐसी फाँस बन गई जो हर भारतवासी के दिल में चुभी है. सच एक गहरे धुन्ध
में छिपा रहा, छिपाया गया – क्या मालूम! आज 18 अगस्त के दिन उस दुर्घटना के 68 साल हो गये. वो शख्स भारत माता का अमर सपूत सुभाष चन्द्र बोस था. जिन्हें आज भी
हम “नेता जी” के नाम से जानते हैं.
और आखिर में अपनी एक पुरानी नज़्म:
कब सोचा था दादी
नानी के सारे अफसाने बिल्कुल झूटे होंगे,
चाँद पे कोई
बुढिया रहती है, ये सब बस कोरी
गप्प थी.
आज ही मैं ने
जाना है ये
चाँद पे रहता है
एक शख्स सफेद पजामे कुर्ते
और तिल्लेवाली एक
जूती पहने
बुढिया की अफवाह
उसी ने फैलाई थी सदियों पहले.
आज ही मैंने जाना
है
इक नाम भला सा है
उसका
और भरी हुई है
सिर से लेकर पाँव तलक
भरपूर मोहब्बत, गहरा प्यार
ज़ुबाँ पे क्यों
आता ही नहीं... सम्पूरन सिंह
गुलज़ार.
गुलज़ार साह्ब को सालगिरह मुबारक !!!
-
सलिल वर्मा
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ज़िंदगी ख्वाब है – दीपक बाबा की बकबक
दिमागी खलल की खोज-खबर – ओझा उवाच
ट्रेवेलॉग: कैमरे की नज़र से – मानसिक हलचल
गुज़रा ज़माना बचपन का – खामोश दिल की सुगबुगाहट
आज़ादी का त्यौहार – आपबीती
तन्हाई – माइ ड्रीम्स एन’ एक्सप्रेशंस
ऐसा देश है मेरा – ये मेरा जहाँ
ये है बौम्बे मेरी जान – अपनी, उनकी, सबकी बातें
कौन हो तुम – सिमटे लम्हे
अँखियाँ मिला के – बेचैन आत्मा
कविता लिखने की ‘अभिलाषा’ – क्वचिदन्यतोSपि
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अब आज्ञा दीजिये ... ६५० वीं बुलेटिन पर फिर मुलाक़ात होगी ... बस ऐसे ही स्नेह बनाए रखिए ... हम यूं ही साथ साथ कदम दर कदम सफर तय करते रहेंगे !
दादा ६००वीं पोस्ट की बधाई | बहुत खूब बुलेटिन सजाई | जय हो भाई |
जवाब देंहटाएं600 वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई | बहुत खूब बुलेटिन आभार
जवाब देंहटाएंकल {सोमवार} {19/08/2013}
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग समूह
के शुभारंभ, पर कल कुछ ब्लॉग के बारे में हम शुभारंभ के साथ चर्चा करेगे जिन्होंने ब्लॉग्गिंग की दुनिया में पहचान हासिल की है कृपया आप सब पधारें....आभार
बुलेटिन टीम को ६००वीं पोस्ट की बधाई...
जवाब देंहटाएंदादा हमारी रचना को नया नाम दे दिए आप link में,अकेलेपन को तन्हाई कर दिया.....चलिए हम भी कविता को नज़्म कहे देते हैं
जवाब देंहटाएं:-)
बढ़िया बुलेटिन बढ़िया लिंक्स...
शुक्रिया
सादर
अनु
ब्लाग बुलेटिन की ६००वीं प्रविष्ठि पर मेरी बहु-बहुत हार्दिक शुभकामनायें व बधाई ,मेरी ईश्वर से कामना है कि आप का यह ब्लाग नित नई उचाइयों छुए....
जवाब देंहटाएं600 वीं पोस्ट/ बुलेटिन की बहुत बहुत बधाई |
जवाब देंहटाएंबढ़िया बुलेटिन.. ६०० की संख्या छूने के लिए बधाई.. ;)
जवाब देंहटाएंबड़े अच्छे लिनक्स हैं ...बुलेटिन टीम को ६००वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंबधाई
जवाब देंहटाएंनेता जी को याद करने का आपका अंदाज दिल को छू गया। गुलजार साहब को समर्पित आपकी नज़्म और बेहतरीन लिंक्स ने पोस्ट को धाँसू बना दिया है। 600 वीं बुलेटिन में अपनी पोस्ट देखकर खुशी हो रही है।
जवाब देंहटाएं..आभार।
कविता लिखने की अभिलाषा :-) आभार!
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स,आपको और ब्लॉग बुलेटिन टीम को ६००वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएंRECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.
bahut bahut badhaiyan ....jai hind
जवाब देंहटाएंशुक्रिया, तमाम साथियों का... जब सोचता हूँ कि अब फिर से पहले सा हो जाएगा सब कुछ, तब एक नया ट्विस्ट आ जाता है मेरी कहानी में.. देखूं कब फिर से घूमना हो पायेगा ब्लॉग की गलियों में, फिर से.. पहले की तरह!! तब तक बस ऐसे ही मेहमानों की तरह आना-जाना लगा रहेगा!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद फिर से!!
जय हो सलिल दादा ... ६०० वीं बुलेटिन अपने पूरे शबाब पर है ... जय हो दादा !
जवाब देंहटाएंसभी पाठकों और पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम को बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनायें !
वाह ६०० वीं पोस्ट.
जवाब देंहटाएंसलिल जी..... कमाल किये हैं.
पूरी टीम को शुभकामनाएं
बड़े अच्छे लिनक्स हैं ...बुलेटिन टीम को ६००वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएं{प्रथम ब्लॉग चर्चा} हिंदी ब्लॉग समूह
बहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबुलेटिन टीम को ६००वीं पोस्ट की बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंआपको शुभकामनायें, सुभाष को नमन, सुन्दर सूत्र संकलन।
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