सभी ब्लॉगर मित्रों को हार्दिक नमस्कार।।
मैं हर्षवर्धन आज आपके सामने अकबर - बीरबल का एक किस्सा प्रस्तुत कर रहा हूँ आशा है कि ये आपको पसंद आएगा।
मैं हर्षवर्धन आज आपके सामने अकबर - बीरबल का एक किस्सा प्रस्तुत कर रहा हूँ आशा है कि ये आपको पसंद आएगा।
एक दिन एकांत में बादशाह अकबर के मन में यह सवाल उठा कि संसार में ऐसी कौन सी वस्तु है जिस पर चन्द्रमा और सूरज का प्रकाश ना पड़ता हो। बहुत देर तक सोच - विचार करते रहने पर भी जब उन के दिमाग में कोई बात नहीं आई, तो बादशाह ने यही समझा कि चन्द्रमा और सूरज प्रत्येक वस्तु पर अपना प्रकाश डालते हैं।
कुछ समय बीतने पर बादशाह ने सोचा कि शायद हमारे दरबार में कोई इस सवाल का जवाब दे सके। यह सोच कर एक दिन उन्होंने दरबार में सब के सामने यही सवाल रखा। सभी दरबारी यह सवाल सुनकर एक - दूसरे का मुँह देखते रह गए, किसी को भी इस सवाल का उचित जवाब ही नहीं मिला।
बाद में बीरबल ने कहा , "जहाँपनाह, मेरी समझ में तो इस संसार में अँधेरा ही एक ऐसी वस्तु है जिस पर ना तो चन्द्रमा और ना ही सूरज का प्रकाश पड़ता हो।"
बादशाह और सभी दरबारी ने एक स्वर में बीरबल के इस उचित तर्क का अनुमोदन किया।
अब चलते आज की बुलेटिन की और ....
बहुत उम्दा लिनक्स मिले..... शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंतर्क तो सही है
जवाब देंहटाएंलिंक्स हैं बढ़िया
सुन्दर सूत्रों का संकलन !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
युक्तियुक्त जवाब!!
जवाब देंहटाएंशानदार बुलेटीन.....सार्थक उपयोगी लिंक
बहुत उम्दा लिंक्स. आभार
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा लिंक्स. आभार
जवाब देंहटाएंशानदार बुलेटीन, सार्थक उपयोगी लिंक मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका एंव आपकी पूरी टीम का आभार।
जवाब देंहटाएंकाफी बढ़िया किस्सा सुनाया साथ साथ उतना ही बढ़िया बुलेटिन ... हर्ष बाबू !
जवाब देंहटाएंबढ़िया तर्क। अभी लिंक्स नहीं देख पाया...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंक्स, आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
आप सबका हार्दिक धन्यवाद। ऐसे ही स्नेह बनाए रखिएगा।।
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