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मंगलवार, 28 मई 2013

सलाम है ऐसी कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल को - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !

छत्तीसगढ़ में शनिवार को कांग्रेस पार्टी के काफिले पर हुये नक्सली हमले की खबरों मे बड़े बड़े नेताओ के मारे जाने ... घायल होने ... सुरक्षा मे हुई चूक ... केंद्र और राज्य सरकारों के बीच के मतभेद ... आगे की प्लानिंग जैसी खबरों के बीच एक बहुत बड़ी खबर अपनी जगह बनाए रखने मे नाकामयाब साबित हुई ... कारण वही हम सब का जाना माना हुआ ... यह खबर एक जाँबाज सिपाही से जुड़ी थी ... उसके बलिदान से जुड़ी थी !!
 
अमर शहीद स्व॰ श्री प्रफुल्ल शुक्ला जी
अब सिपाही था तो जाँबाज होना ही चाहिए ... और जो जाँबाज था तो बलिदान करना ही था ... इस मे नया क्या ... यह तो फर्ज़ होता है हर सिपाही का ... है ना !? कितना आसान होता है न एक सिपाही को उसका फर्ज़ याद दिलाना ... काश हम इतनी आसानी से अपने फर्ज़ भी याद रखें और उनको पूरी निष्ठा से निबहें ... जैसा कि श्री प्रफुल्ल शुक्ला ने किया !

नक्सली हमले मे जब पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की गाड़ी पर फायरिंग हुई तो उन के पीएसओ प्रफुल्ल शुक्ला बाहर निकल आए थे । जवाबी फायरिंग करने के लिए वह गाड़ी के नीचे घुस गए, लेकिन नक्सलियों ने गाड़ी के पहियों में गोली मार दी। इससे गाड़ी नीचे बैठ गई। पीएसओ को फायरिंग करने में मुश्किल पेश आने लगी पर उन्होने फायरिंग जारी रखी लेकिन थोड़ी ही देर में उन की गोलियां खत्म हो गई। जब उन्होने देखा कि उन के पास अंतिम गोली बची है और अब वह अपना फर्ज निभाने के लिए और कुछ नहीं कर सकते तो विद्याचरण शुक्ल से उनकी सुरक्षा नहीं कर पाने कि लिए पैर छूकर माफी मांगी और अपने पास बची आखिरी गोली खुद को मार ली।

गुढ़ियारी अशोक नगर में शहीद प्रफुल्ल का भरा-पूरा कुनबा है। रविवार की सुबह समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में प्रफुल्ल के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद पूरे परिवार में मातम छा गया। परिवार में पत्नी, दो छोटे बच्चे, मां, छोटे भाई और चार बहनें हैं। परिवार के अनुसार वे अक्सर दोस्त और घर वालों से कहते थे कि मैं दुश्मनों को कभी जिंदा नहीं छोडूंगा और न ही कभी ज़िंदा दुश्मन के हाथ आयुंगा किसी लड़ाई या मुठभेड़ में अगर ऐसा लगा कि मैं पकड़ा जाऊंगा तो खुद को गोली मार लूंगा पर जिंदा कभी उनके हाथ नहीं आऊंगा।

आज के दौर का एक बेहद कड़वा सत्य है यह कि अपने फर्ज़ के प्रति इतनी वफादारी आज के दौर मे बहुत कम ही देखने को मिलती है !

ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम और पूरे ब्लॉग जगत की ओर से हम अमर शहीद स्व॰ श्री प्रफुल्ल शुक्ला जी की इस शहादत को शत शत नमन करते है और उनको अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते है !!

सादर आपका 
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अब लाल आंतक की दहशत को मिटाना मुख्य ध्येय होना चाहिए !!

आठ साल की ‘यूट्यूब’ के बीच

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धाराओं का सरकारी स्टाक ख़त्म हो गया है !

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!! 

26 टिप्‍पणियां:

  1. शत शत नमन और हार्दिक श्रद्धांजलि !!!

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  2. शुक्ल जी जैसे इमानदार, वफादार, वीर, कर्ताव्यनिष्ट सेनानी को नमन और भावपूर्ण श्रद्धांजली | भगवान् उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें |

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  3. Shat shat naman shahido ko...kash hamare desh ke netao ko ab bhi sadbuddhi aa jaye.
    sundar link sanyojan.
    shukriya mishir ji meri post shamil karne ke liye.
    jai hind.

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  4. ऐसे कर्तव्यनिष्ठ सेनानी को नमन.

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  5. शुक्ल जी जैसे ईमानदार सेनानी को नमन और भावपूर्ण श्रद्धांजली |

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  6. बहुत सुन्‍दर और सार्थक बुलेटिन आभार
    हिन्‍दी तकनीकी क्षेत्र की अचंम्भित करने वाली जानकारियॉ प्राप्‍त करने के लिये एक बार अवश्‍य पधारें
    टिप्‍पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE

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  7. @ अभिमन्यु जी,

    जानकारी के लिए आपका बहुत बहुत आभार ... आपका ब्लॉग हमारा देखा हुआ है और पहले की बुलेटिन मे आपकी पोस्ट लिंक भी हुई है पर यह आप भी समझते होंगे कि आपकी हर पोस्ट को लिंक करना संभव नहीं है ... आज के अपने कमेन्ट मे जिस प्रकार आपने अपना प्रचार किया है वो ठीक नहीं लगता ... लगभग १५ लाइन के कमेन्ट मे पोस्ट के बारे मे केवल एक लाइन और बाकी प्रचार ... खुद सोचिए प्रचार का ओवर डोज़ नहीं है क्या !? थोड़ा इस बारे मे सहयोग करें !

    सादर !

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  8. ऐसी शहादत देने वाले लोगों को याद रखना चाहिये हमेशा ... नमन....

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  9. शहीदों को प्रणाम और श्रद्धांजलि। सरकार को दृढ़ इच्छाशक्ति अपनाकर अब तो कायर आतंकवादियों के साथ कड़ाई से पेश आना ही चाहिए ताकि आम आदमी शांति और निर्भयता के साथ सर उठाकर जी सके।

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  10. धन्यवाद ऐसी शख्सियत से परिचित कराने के लिए!

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  11. शुक्ल जी को सादर नमन और भावपूर्ण श्रद्धांजली |
    आज सभी लिंक्स संजीदे और भावपूर्ण...
    सस्नेह
    अनु

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  12. अब सिपाही था तो जाँबाज होना ही चाहिए ... और जो जाँबाज था तो बलिदान करना ही था ... इस मे नया क्या ... यह तो फर्ज़ होता है हर सिपाही का ... है ना !? कितना आसान होता है न एक सिपाही को उसका फर्ज़ याद दिलाना ... काश हम इतनी आसानी से अपने फर्ज़ भी याद रखें और उनको पूरी निष्ठा से निबहें ... जैसा कि श्री प्रफुल्ल शुक्ला ने किया !

    शिवम भाई के एक-एक शब्द से सहमत हूँ ....

    अमर शहीद स्व॰ श्री प्रफुल्ल शुक्ला जी की इस शहादत को शत शत नमन करते है और उनको अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते है !!

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  13. स्व॰ श्री प्रफुल्ल शुक्ला जी की इस शहादत को शत शत नमन

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  14. दूसरों का कर्तव्य याद रखना आसान है ... अपना बेटा हो तो शहीद का अर्थ ज्ञात होता है
    ...........
    .....नमन है इस निष्ठा पर

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  15. शिवम् , आभार आपका । ऐसे लोगों की कहानी न लोग सुनते हैं न बताते हैं । वीरता और वफादारी की मिसाल है यह तो । श्रद्धा उमड़ पड़ती है स्वयं इनके लिए ।

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  16. हम अमर शहीद स्व॰ श्री प्रफुल्ल शुक्ला जी की इस शहादत को शत शत नमन करते है और उनको अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते है !!

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  17. jai hind

    my blog : http://jjrithub.blogspot.com/

    m new in blog world plz help me for make a good blog

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  18. ऐसे जांबाज सिपाही को शत शत नमन
    मार्मिक और संवेदना से भरी प्रस्तुति की है आपने
    पुनः नमन
    सादर


    तपती गरमी जेठ मास में---
    http://jyoti-khare.blogspot.in

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  19. जाँबाज सिपाही अमर शहीद स्व॰ श्री प्रफुल्ल शुक्ला को शत शत नमन

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  20. शिवम भाई !! सचमच, अपने फर्ज़ के प्रति इतनी वफादारी आज के दौर मे बहुत कम ही देखने को मिलती है ! देखना तो दूर, सुनना भी दूभर होता जा रहा है !! rarest of rare यही होता है शायद !!

    जवाब देंहटाएं

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