हज़रात आदाब अर्ज़ करता हूँ !
पेश कर रहा हूँ आज का बुलेटिन के कुछ चुनिन्दा चराग़ | आप सभी की दिल से तवज्जो चाहूँगा |
नंदिता - एक नज़र मेरी बात पर
धीरेन्द्र अस्थाना - मेरा भारत महान
दीप फर्रूखाबादी - यादें
गोपाल कृष्ण शुक्ल - परम सत्य १९
प्रीती बाजपाई = अश्कों से भीगी वो चांदनी
शरद कोकास - कामिनी से लेकर कमीने तक
सदा - तुम ये तर्पण करना
इंदु लडवाल - मैं जिंदा हूँ
शालिनी रस्तोगी - गुमशुदा
अशोक पण्डे - तुम्हारे रास्ते में, तुम्हारा स्वागत करने हाज़िर होंगीं मछलियाँ
निवेदिता श्रीवास्तव - अनकही दास्तां
ख्वाहिश करता हूँ आपका प्यार इन कड़ियों को ज़ुरूर प्राप्त होगा | आगे भी आपके समक्ष कुछ नया और सुन्दर प्रस्तुत करने का प्रयास ज़ारी रहेगा |
ज़र्रानवाज़ी
तुषार राज रस्तोगी
तमाशा-ए-ज़िन्दगी
पेश कर रहा हूँ आज का बुलेटिन के कुछ चुनिन्दा चराग़ | आप सभी की दिल से तवज्जो चाहूँगा |
आपके अल्फ़ाज़
देंगे हर क़दम पर हौसला, ज़र्रानवाज़ी के लिए
शुक्रिया! जी शुक्रिया...
नंदिता - एक नज़र मेरी बात पर
धीरेन्द्र अस्थाना - मेरा भारत महान
दीप फर्रूखाबादी - यादें
गोपाल कृष्ण शुक्ल - परम सत्य १९
प्रीती बाजपाई = अश्कों से भीगी वो चांदनी
शरद कोकास - कामिनी से लेकर कमीने तक
सदा - तुम ये तर्पण करना
इंदु लडवाल - मैं जिंदा हूँ
शालिनी रस्तोगी - गुमशुदा
अशोक पण्डे - तुम्हारे रास्ते में, तुम्हारा स्वागत करने हाज़िर होंगीं मछलियाँ
निवेदिता श्रीवास्तव - अनकही दास्तां
ख्वाहिश करता हूँ आपका प्यार इन कड़ियों को ज़ुरूर प्राप्त होगा | आगे भी आपके समक्ष कुछ नया और सुन्दर प्रस्तुत करने का प्रयास ज़ारी रहेगा |
ज़र्रानवाज़ी
तुषार राज रस्तोगी
तमाशा-ए-ज़िन्दगी
सलाम वालेकुम :))
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह ....
रौशन हो गया दिलो-दिमाग़ रौशनी से ...
गुलशन आबाद हो गया ....
इनायत-ए-करम ....
खुदाहाफिज़ ...
सलाम वालेकुम :))
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह ....
रौशन हो गया दिलो-दिमाग़ रौशनी से ....
गुलशन आबाद हो गया ....
इनायत-ए-करम ....
खुदाहाफिज़ ....
सलाम वालेकुम ....
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह ....
रौशन हो गया दिलो-दिमाग़ रौशनी से ....
गुलशन आबाद हो गया ....
इनायत-ए-करम ....
खुदाहाफिज़ ....
सार्थक लिंक
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन /सभी रचनाकारों को बधाई
संयोजन का आभार
सुन्दर लिंक्स के साथ अच्छा संयोजन |आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
सलाम वालेकुम ....
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह ....
रौशन हो गया दिलो-दिमाग़ रौशनी से ....
गुलशन आबाद हो गया ....
इनायत-ए-करम ....
खुदाहाफिज़ ...
उम्दा लिंक !!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद तुषार .... अपने ब्लॉग बुलेटिन का हिस्सा बनाए के लिए ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएंअरे वाह जनाब तुषार रस्तोगी साहब ... आप ने तो आज बुलेटिन रूपी महफिल जमाई हुई है ... भई मज़ा आ गया ... सुभानाल्लाह ....क्या लिंक्स चुने चुन कर पेश किए है आपने ... बहुत खूब ... लगे रहिए हुज़ूर !
जवाब देंहटाएंवाह .. मज़ा आ गया सभी लिंक मस्त हैं ...
जवाब देंहटाएंकुछ नये ब्लॉग का पता भी मिल गया ...... धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें भाई तुषार-
बहुत बहुत धन्यवाद सबका ध्यान हमारी रचना की तरफ दिलाने के लिए...आभार !!!!!!!!आप सबका ...
जवाब देंहटाएंtushar ji apni rachnaoon ko apke buletein per pad ker bahut khushi hui, jane anjane hi per kuch naye dost mil gaye, shukriya apka
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