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मंगलवार, 13 नवंबर 2012

शुभ दीपावली और ब्लॉग बुलेटिन का पहला हैप्पी बर्थडे

हिंदी ब्लॉगजगत में पिछले सात वर्षों में आए सुखद संयोगों में , आज एक और अनमोल दिन जुड गया । क्छ भी कहने से पहले मैं आपको ये बता दूं कि आज देश , हम आप और सब जहां दीपोत्सव मना रहे हैं वहीं ब्लॉग बुलेटिन का ये पन्ना अपनी पहली वर्षगांठ मना रहा है । पिछले वर्ष आज ही के दिन , अचानक ब्लॉग बुलेटिन के सच्चे और सबसे प्रतिबद्ध रिपोर्टर भाई शिवम मिश्रा जी ने संवाद करते हुए ये सुझाव दिया कि , चूंकि , ये वो समय था जब न सिर्फ़ एग्रीगेटर बल्कि ब्लॉग पोस्टों की चर्चा , उन पोस्टों को सहेज कर एक  पन्ने पर सहेजने का कार्य कुछ कुछ मंद सा लगने लगा था । मैं खुद “ झा जी कहिन “ पर अपनी चिर परिचित दो लाइना , लगभग छोड चुका था । ऐसे में भाई शिवम मिश्रा और देव कुमार झा ने इस विचार का सूत्रपात किया । नाम रखने की जिम्मेदारी मुझे मिली और मुझे नाम सूझा “ ब्लॉग बुलेटिन “ ॥


आज एक साल के बाद हम सारे ब्लॉग रिपोर्टस को इस बात की बहुत खुशी और प्रसन्नता है कि इतने समय में सभी पाठक मित्रों ने इस पन्ने को न सिर्फ़ बहुत पसंद किया बल्कि आज ये सबका चहेता बन गया है । यदि शुरू से लेकर आज तक के सफ़र के बारे में कुछ खास खास बातें कहनी हों तो सबसे पहली बात ये कि शिवम मिश्रा जी इस सुपरफ़ास्ट रेलगाडी के चालक है , रश्मि प्रभा दीदी इसकी पथ पथप्रदर्शक गाइड , हम सब यानि देव बाबा , मैं , सलिल भाई , मनोज जी ,  पेंट्री , मेंटेनेंस विभाग , आदि संभालने वाले , पाबला जी बुलेटिन के तकनीक विशेषज्ञ , और इनके अलावा कभी मेहमान रिपोर्टर के रूप में कभी अतिथि रिपोर्टर के रूप में सहयोग और प्रस्तुति करने वाले तमाम साथी ब्लॉगर्स का योगदान , साथ , स्नेह और विश्वास हमारे लिए किसी उपहार से कम नहीं रहा । भाई शिवम मिश्रा जी की प्रतिबद्धता और नए प्रयोग तथा रश्मि दीदी की पारखी नज़र से मास्टर स्ट्रोक वाली , ब्लॉग विश्लेषण सहित तमान अदभुत प्रयोगों ने बुलेटिन को एक विशिष्टता प्रदान की ।


ऐसा नहीं है कि सब कुछ अच्छा अच्छा ही रहा । बीच में कुछ साथी नाराज़ होकर तो कुछ किसी विशेष मकसद से , कभी टिप्पणी के द्वारा तो कभी कहीं कटाक्ष के द्वारा , इस पन्ने को अव्यवस्थित करने और हमारा ध्यान भटकाने का भी प्रयास किया किंतु इस बार हम तय कर चुके थे  ऐसी किसी भी कोशिश और किसी की भी कोशिश को पूरी तरह दरकिनार करते हुए , हम सिर्फ़ अपना काम करेंगे । हमने ऐसा ही किया , खैर ये खट्टे मीठे अनुभव तो यहां होना लाज़िमी है और इस अंतर्जालीय परिवार का अनिवार्य अंग भी । आप सबको दीपावली की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ।


अब चलते चलते हम आपको ये आश्वासन देते हैं कि हमारी ये कोशिश और हमारा ये सफ़र यूं ही जारी रहेगा ,इसका भरसक प्रयास हम करते रहेंगे । चलिए अब आपको कुछ चुनिंदा पोस्टों की झलकियां दिखाते हैं , …………..




अब दीवाली . . . .
अब नहीं बनाती मां मिठाई दीवाली पर
हम सब भाई बहन खूब रगड़ रगड़ कर पूरा घर आंगन नहीं चमकाते
अब बड़े भाई दिन रात लग कर नहीं बनाते
बांस की खपचियों और पन्नीदार कागजों से रंग बिरंगा कंदील
और हम भाग भाग कर घर के हर कोने अंतरे में
पानी में अच्छी तरह से भिगो कर रखे गए दीप नहीं जलाते
पूरा घर नहीं सजाते अपने अपने तरीके से।

दिवाली तब दिवाली हो
-- करण समस्तीपुरी
सबा हर ओर से आए, दिवाली तब दिवाली हो।
दिया हर घर में जल जाए, दिवाली तब दिवाली हो॥
जले आहुतियाँ पहले सभी कलुषित विचारों की।
अँधेरा मन का मिट जाए, दिवाली तब दिवाली हो॥
विदेशी क़ैद में विष्णु-प्रिया बैठी सिसकती हैं।
वो अपने घर चली आए, दिवाली तब दिवाली हो॥




 


माँ और दीपावली
माँ के लिए
दिवाली आ जाता है
हफ्ता भर पहले ही
घर के कोने कोने तक
पहुच जाती है माँ
जहाँ होती है
चूहों  का  बसेरा
सीलन
अँधेरा
माँ दिवाली कर आती है
घर के अँधेरे कोनो में


किसकी दीपावली?
दीपावली बाजार का, बाजार के लिए और बाजार के द्वारा त्यौहार बनती जा रही है

उदारीकरण और भूमंडलीकरण के इस दौर में बाजार की पकड़ से बच पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन सा हो गया है. पर्व-त्यौहार भी इसके अपवाद नहीं हैं. हालाँकि किसी भी समाज में पर्व-त्यौहार उसकी संस्कृति, उत्सवधर्मिता और सामाजिकता की पहचान होते हैं, वे लोगों की सामूहिकता, आपसी मेलजोल और खुशी बांटने के मौके होते हैं.
लेकिन ठीक इन्हीं कारणों से वे बाजार को भी लुभाते हैं. बाजार को इसमें खुशियों की मार्केटिंग और खरीदने-बेचने का मौका दिखाई देता है. खासकर एक ऐसे दौर में जब वास्तविक खुशी दुर्लभ होती जा रही है, बाजार उपभोक्ता वस्तुओं को उत्सव और खुशियों का पर्याय बनाके बेचने के मौके की तरह इस्तेमाल करता है

शुभ दीपावली


जीवन की व्यस्तताओं, परेशानियों और दुखों के बावजूद पर्व अपना आगमन नहीं रोकते क्योंकि हर पर्व का उद्देश्य एक ही होता है सदा जन हित। हर घर में, हर इंसान में खुशियाँ भरने की कोशिश करते हैं पर्व। सुख-दुःख ,जीवन-म्रत्यु सभी निश्चित है, मालूम भी है सभी को फिर भी हम भूल जाते हैं और यदि हम दुखी होते हैं तो सारे संसार को उसी नज़र से देखते हैं ,पर्व ऐसे हर पलों को हर किसी के जीवन से निकालने में मदद करते हैं। त्यौहार कभी अमीरी-गरीबी का भेद नहीं करते बल्कि दोनों को उनकी सामर्थ्य अनुसार भरपूर जीने का सन्देश देते हैं। त्यौहार कोई भी क्यूँ न हो सदा सभी लोग मुंह मीठा ही करते हैं कभी भी तीखा नहीं, फिर चाहे वो पिस्ता लौंज से किया जाये या गुड की ढली से फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मुंह में जो घुलती है वो ‘ मिठास ‘ ही होती है। सभी व्यस्त हैं अतः पर्व आते ही घरों की साफ़-सफाई भी शुरू हो जाती है।


हर आँगन में दीप
चकाचौंध गर ना हुआ, किसको है परवाह।
दीपक इक घर घर जले, यही सुमन की चाह।।
रात अमावस की भले, सुमन तिमिर हो दूर।
दीप जले इक देहरी, अन्धेरा मजबूर।।
हाथ पटाखे हैं लिए, सुमन खुशी यह देख।
कुछ बच्चे बस देखते, यही भाग्य का लेख।।


ज्योति पर्व की हार्दिक मंगल कामनाएँ

अहो भाव का स्वप्निल नवल विहान आपके आंगन में
मन वीणा पर गुम्फित मधुरिम  तान आपके अंगन मेंअनुरंजित कर मानस अपना नव संचार संवारने दें
नृत्य चले आनंद भाव का नूपुर टूट बिखरने दें
परम शान्ति सद्भाव प्रेम का गान आपके आँगन में
मन वीणा पर गुम्फित मधुरिम  तान आपके अंगन में
मदिर फुहार झरे चंदनियां मरु अंतस को धो जाए
नर्तन हो इश्वर मय हो कर अपना पन ही खो जाए
शाश्वत अविरल विपुल कान्ति मुस्कान आपके आंगन में
मन वीणा पर गुम्फित मधुरिम  तान आपके अंगन में


 

((((.....दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.....))))
इस दि‍ए की रौशनी सा रौशन आपकी जिंदगी का हर कोना हो


एक ख्याल और सभी ब्लोगर मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !
सर्वप्रथम दीपावली की पूर्व संध्या  पर सभी ब्लोगर मित्रों और पाठक मित्रो को हार्दिक शुभकामनाये और आपके समस्त पारिवारिक जनो को भी मंगलमय कामनाएं इस पावन पर्व की !
आज सुबह जब यह समाचार कहीं  पर पढ़ रहा था कि सीएजी  को भी चुनाव आयोग की तर्ज पर तोड़ने की कोशिश हो रही है तो अचानक यह ख्याल मेरे मन में आया कि  क्यों न  इस देश में प्रधानमंत्री के चार पद होने चाहिए

दीवाली : हमारी परंपरा है

सोमवार, 12 नवम्बर 2012
लो आ गई दीपावली, माफ़ कीजिएगा ..... "दीवाली" . दीपावली तो दीपो का त्यौहार होता है, परंतु यह तो दीवालिया होने का त्यौहार है। रुपयो मे आग लगाने का और खर्चे करने का। हमे बचपन से हि बताया गया है कि दीवाली पर घर मे लक्ष्मी का प्रवेश होता है, तो लो भईया माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये खूब रुपय बहाए, पानी बरबाद किया, दीवारो का मेकअप भी करवा दिया किन्तु जब से होश संभाला है माता लक्ष्मी आती हुई कम और जाती हुई ज्यादा दिखाई दि है। इस चक्कर मे हम तो हो गये दीवालिया और हो गई हमारी दीवाली।

परन्तु कुछ लोग अभी भी इसी भ्रमजाल मे फ़से हुए है। 10-10 के रुपयो की गड्डी अलमारी मे रखने के लिये ले आये है। हाँ जी रख लो रुपयो की गड्डी कृपा आ ही जायेगी। शायद बाबा ने रखना भूल गये थे इसलिये आज उनका यह हाल है। चटनी , समोसे , कचौडी खाने मे ऐसे व्यस्त हुए की बेचारे दसबंत निकालना हि भूल गये। खैर हम बाबा के बहुत बडे भक्त है, कोई उनके बारे मे कुछ कहे तो हम सुन लेगे लेकिन कुछ कहेंगे नही। बेचारे हमारे एक ही तो बाबा है जो लीग से हटकर कुछ अलग करना चाहते है, किन्तु हाय रे ये दुनिया जो अलग सोच वालो को कभी आगे बढने नही देती।
तुम ही कहो ........ ललित शर्मा
ब्लॉ.ललित शर्मा, मंगलवार, 13 नवम्बर 2012
तुम ही कहो
कैसे मनाऊँ दीवाली?
महंगी हुई है शक्कर
महंगा हुआ आटा दाल
बाजारों में आग लगी
निर्धन का कौन हवाल
तुम ही कहो .........
रंग रोगन से
लिपे पुते घर
लक्ष्मी आए आँगन में
धन हो जिसका रोज निवाला
बरसे उस ठग के आँगन में
सत्य हमेशा ठगा रहेगा?
यह है एक सवाल
तुम ही कहो ........

 


दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रकाश-पर्व दीपावली, जग, जीवन तिमिरारि।
माँ लक्ष्मी तेरे सामने, मागें हाथ पसारि।।
धन धान्य परि पूर्ण करे, होय सत्कर्म की जीत।
बैर-भाव का नाश हो, उमड़े जन जन प्रीत।।

लो आई दीवाली रे ….

अजय कुमार झा |

लो आई दीवाली रे
आलू प्याज और टमाटर,
खरीद खरीद कर,
जेब हुई है खाली रे,
ऊपर से बच्चे चिल्लाएं ,
लो आयी दीवाली रे,
.
शेयर मार्केट भी हुई बेवफा,
कौन समझे ये फलसफा,
कोई पीटे माथा अपना,
कोई बजाये ताली रे,
लो आयी दीवाली रे,
.

 


ज्योति का प्रथम तीर्थ दीप ...

ज्योति का प्रथम तीर्थ दीप
कालिमा  आती नहीं समीप
आइए उजियारे की लालिमा लाते हैं
मिलकर दीपावली मनाते हैं ......
शुभ दीपावली



सर्वे भवन्‍तु सखिन:

समस्‍त कृपालुओं को मुझ अकिंचन की ओर से हार्दिक अभिनन्‍दन, बधाइयॉं और शुभ-कामनाऍं।
मेरे बडे बेटे प्रिय चि. वल्‍कल ने मेरे लिए  इस बधाई पत्र  का आकल्‍पन किया है।


शुभ दीपावली !!
आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !!



Diwali-2012 - दीपावली-2012




मनाएँ एक शुभ और सुरक्षित दीपावली

दीपावली के अवसर पर बच्चें पटाखों को लेकर बहुत उत्साहित रहते हैं। लेकिन पटाखे जलाते समय विशेष सावधानी की जरूरत होती हैं नही तो खुशियों और उजाले के इस त्यौहार को अंधेरे में बदलने में देर नही लगती, आइये हम इन सब बातों को ध्यान रखकर एक सुरक्षित दीपावली मनाएं-
- पटाखों को हमेशा खुली जगह पर ही जलाएं।
- पटाखे हाथ में लेकर न जलाएं। इससे दुर्घटना का खतरा रहता है।
- बहुत से पटाखे और बम धीरे-धीरे आग पकड़ते हैं। इन्हें एक बार आग लगाने के बाद इनके पास दोबारा न जाएं।
- बच्चे जब पटाखे जलाएं तो उनके आसपास ही रहें। हमेशा अपनी देखरेख में ही बच्चों को पटाखे जलाने दें। साथ ही बच्चों को बड़ी साइज के पटाखे और अन्य सामग्री न जलाने दें।
- इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे पटाखे जलाते समय शरारत न करें। मसलन जलती हुई फुलझड़ी को इधर-उधर घुमाना आदि।
- पटाखे और बम आदि को किसी डिब्बे में रखकर न जलाएं। इससे बड़ी दुर्घटना होने की संभावना रहती है।
- पटाखे जलाते समय कभी भी उनके ऊपर झुकें नहीं।
- पटाखों को हमेशा सुरक्षित स्थान पर रखें अर्थात ऐसी जगह पर रखें जहां छोटे बच्चों की पहुंच न हो।
- पटाखे जलाते समय कभी भी बहुत ढीले-ढाले कपड़े न पहनें। हमेशा चुस्त कपड़े ही पहनें।
- आतिशबाजी का मजा लेते समय सिंथेटिक कपड़े न पहनें, सूती कपड़े ही पहनें।
- बहुत तेज आवाज वाले पटाखे और बम का प्रयोग न करें। ये आपके सुनने की क्षमता कम कर सकते हैं।
बस इन चंद बातों का ख्याल रखें और मनाएँ एक शुभ और सुरक्षित दीपावली !

आप सभी को शुभ और सुरक्षित दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक मंगलकामनाएँ  और बधाइयाँ !
इसी के साथ हम एक बार आप सबको फ़िर से दीपावली के पर्व की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं देते हैं , और ब्लॉग बुलेटिन के पहले जन्मदिन पर आपसे ये वादा करते हैं कि आपके स्नेह के साथ हम इस यात्रा को ज़ारी रखेंगे । शुभकामनाएं ……………..

22 टिप्‍पणियां:

  1. भैया जी ब्लॉग बुलेटिन के पहले जन्मदिन व दीपावली की शुभकामनाएँ बुलेटिन परिवार के साथ ग्रहण करें...

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    दीपावली की शुभकामनाएँ!

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  3. खूबसूरत लिंक्स,,,ब्लॉग बुलेटिन के एक साल पूरा होने पर ,,
    पूरी टीम को बहुत२ बधाई,,,,,

    दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ,,,,
    RECENT POST: दीपों का यह पर्व,,,

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  4. मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ

    दीप पर्व की आपको व आपके परिवार को ढेरों शुभकामनायें

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  5. ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
    (♥दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें♥)
    ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ

    (♥*HAPPY B'DAY TO BLOG-BULETIN*♥)
    ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ

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  6. दीपावली की शुभकामनाएँ. पोस्ट शामिल करने के लिए आपका आभार.

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  7. पूरी टीम तथा सभी पाठकों को रौशनी और खुशियों के पर्व "दीपावली" तथा हमारे प्यारे "ब्लॉग बुलेटिन" की वर्षगाँठ की डबल मुबारकबाद!

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  8. बहुत-बहुत बधाई इस उपलक्ष्य में !

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  9. .

    हर दिन होगी होली और हर रात दिवाली भारत में
    हर घर में घंटे गूंजेंगे , हर मंदिर रौशन भारत में !
    स्वस्तिक से चिन्हित होकर, ॐ ॐ अब गूंजेगा
    घंटो की टंकारों से , हर मंदिर गूंजे भारत में !
    बजे नगाड़े सड़कों पर और शंखनाद अब घर-घर में
    हर दिन होगी होल
    ी और हर रात दिवाली भारत में !

    जय माँ लक्ष्मी , श्री गणेशाय नमः
    वन्दे मातरम् !

    सभी को दीपाली की हार्दिक शुभकामनाएं !

    .

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  10. ब्लॉग-बुलेटिन को हैप्पी बर्थ-डे और हमारी प्रविष्टी को शामिल करने के लिए थैंक्यू भी ।

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  11. ब्लॉग बुलेटिन के एक साल पूरा होने पर ,,
    पूरी टीम को बहुत२ बधाई,,

    तीन लोग आप का मोबाईल नंबर मांग रहे थे, लेकिन !

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  12. सब से पहले तो अजय भाई आपको बहुत बहुत बधाइयाँ , बीमारी के बाद की वापसी के लिए ... ;-)

    ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम के सहयोग से आज हम लोगो ने अपना एक साल पूरा कर लिया है ... और उम्मीद है कि आज भी यह केवल एक शुरुआत भर है ... आगे सफर लंबा है ! इस एक साल मे सब का भरपूर प्यार मिला है ब्लॉग बुलेटिन को ... यही दुआ है कि आप सब का स्नेह बना रहे !

    दीपावली की आप सब को हार्दिक मंगलकामनाएँ !

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  13. बहुत-बहुत बधाई और अनंत शुभकामनाएँ ब्लॉग बुलेटिन की प्रथम वर्षगाँठ पर !!!

    रचना शामिल करने के लिए ह्रद्याभार !!!

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  14. शिवम् जी
    ब्लॉग बुलेटिन के प्रथम जन्मोत्सव पर आपको और आपकी टीम को हार्दिक शुभकामना . एक मुहीम की तरह आप इसे संचालित कर रहे हैं . सबसे बड़ी बात यह है कि एक वर्ष बाद भी ब्लॉग बुलेटिन की नवीनता बनी हुई है क्योंकि आपका प्रस्तुतीकरण सर्वदा नवीन होता है। कई और कोशिश हो रही है इस तरह-- लेकिन जितनी व्यापकता और सार्वभौमिकता आपके इस बुलेटिन में है वह अन्यत्र नहीं। आप और खास तौर अजय झा जी साथ में रश्मि जी का मार्गदर्शन--- ब्लॉग बुलेटिन एक ब्रांड की तरह उभेरेगा--- हमारी शुभकामनाएं।

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  15. कठिनाइयां तो सफ़र की साथी होती हैं.ये ब्लॉग बुलेटिन यूँ ही सतत चलता रहे. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं.

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  16. वर्ष गांठ के अंक अच्छा रोचक है .
    मेरी नई रचना "हम बच्चे भारत के " www://kpk-vichar.blogspot.in

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!